UP Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सभी सात चरण में चुनाव होने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में असली मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही होने जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस यहां लगभग खत्म हो चुकी है और मायावती की बसपा पिछले कुछ समय से बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं दिखी है. समाजवादी पार्टी I.N.D.I.A गठबंधन में अपने हिस्से में आई सीटों पर उत्तर प्रदेश में लगभग सभी जगह उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जबकि भाजपा भी 51 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है. ऐसे में यहां संघर्ष बेहद रोचक दिख रहा है. लेकिन अब मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है. इससे चुनाव में हर किसी की नजर सपा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के परिवार पर ही टिक गई है. दरअसल इस मुलाकात के बाद यह चर्चा जोर-शोर से है कि भाजपा आगामी चुनाव में मुलायम सिंह यादव की बहुओं को आमने-सामने की फाइट में उतार सकती है.
क्यों उठ रही है ऐसी चर्चा?
दरअसल मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव पहले ही सपा छोड़कर भाजपा जॉइन कर चुकी हैं. अब इस मुलाकात के बाद यह चर्चा चल रही है कि भाजपा अपर्णा यादव को मैनपुरी सीट से उतार सकती है, जो यादव परिवार की फैमिली सीट मानी जाती है. फिलहाल इस सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं. सपा ने अब तक इस सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. ना ही डिंपल की सीट तय की गई है, लेकिन यह माना जा रहा है कि इस बार भी डिंपल को ही मैनपुरी सीट से उम्मीदवार बनाया जा रहा है. ऐसे में यदि अपर्णा यादव को भी यहां से टिकट मिलता है तो मुलायम परिवार के लिए यह सीट 'घरेलू लड़ाई' बन जाएगी.
डिंपल नहीं उतरीं तो अखिलेश जाएंगे मैनपुरी
हालांकि यह भी संभावना है कि यदि भाजपा अपर्णा यादव को मैनपुरी सीट से टिकट देती है तो सपा वहां से डिंपल को हटाकर कन्नौज सीट से चुनाव लड़ाएगी. कन्नौज भी सपा की मजबूत सीट रही है. हालांकि इस समय यहां सुब्रत पाठक सांसद हैं, जिन्हें भाजपा ने इस बार भी टिकट दिया है. सपा ने यदि डिंपल को कन्नौज से टिकट दिया तो मैनपुरी सीट पर अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ेंगे. इस स्थिति में भी यहां मुकाबला 'जेठ-बहू' का होगा, जो बेहद रोचक रहेगा और यह सीट देश की सबसे हॉट सीट में से एक बन जाएगी.
डिंपल ने नहीं दी है अपर्णा के टिकट की चर्चा को तवज्जो
जहां तक अपर्णा यादव को मैनपुरी सीट से उतारने की चर्चा की बात है तो यादव परिवार खुद इसे बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा है. डिंपल यादव से जब यह पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैनपुरी नेताजी की कर्मभूमि है. यहां के लोग नेताजी से भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं. नेताजी की ही तरह हम भी उन्हें परिवार मानते हैं. ऐसे में चुनाव अच्छा ही रहेगा. जहां तक उनके (अपर्णा यादव के) मिलने की बात है तो वह पहले भी योगी जी से मिलती रही हैं.
दो साल से भाजपा में हैं अपर्णा
अपर्णा यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले सपा को झटका देते हुए भाजपा का दामन थामा था. तब से वे भाजपा के ही साथ हैं. हालांकि उन्हें अभी तक पार्टी ने कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है. ऐसे में लोकसभा टिकट मिलने की चर्चा को भी लोग फिलहाल सच नहीं मान रहे हैं.
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Mulayam Singh Yadav की बहुएं लोकसभा के रण में होंगी आमने-सामने, क्यों उठी ये बात?