Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बाहुबली पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर शिकंजा कसने का सिलसिला लगातार जारी है. बुधवार को एक और मामले में पूर्वांचल के माफिया मुख्तार को कोर्ट ने सजा सुना दी है. वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को 36 साल पुराने मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मुख्तार पर हथियार का फर्जी लाइसेंस लेने का आरोप था, जिसमें अदालत ने उसे मंगलवार (12 मार्च) को ही दोषी करार दिया था. इसके बाद बुधवार को उसे सजा सुना दी गई है. इसके साथ ही सात मामलों में सजा पा चुके मुख्तार का राजनीतिक करियर भी समाप्त माना जा रहा है. हालांकि उसे अभी ऊपरी अदालत से राहत मिल सकती है.
क्या था मामला, जिसमें मिली है ये सजा
मुख्तार अंसारी पर आरोप था कि उसने 36 साल पहले बंदूक का फर्जी लाइसेंस बनाया था. यह मामला इसलिए ज्यादा संगीन हो गया था, क्योंकि मुख्तार पर लाइसेंस लेने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर बनाने का आरोप था. इस मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व पुलिस महानिदेशक तक को गवाही के लिए बुलाया गया था. अदालत में सुनवाई के दौरान कुल इस मामले में 10 लोगों की गवाही ली गई थी. इन गवाही के आधार पर ही मुख्तार को दोषी करार दिया गया था.
धारा 467 के तहत सुनाई गई है सजा
माफिया डॉन अंसारी को मंगलवार को दोषी करार दिए जाने के बाद बुधवार को सजा सुनाने के लिए तारीख तय की गई थी. स्पेशल जज अवनीश गौतम की MP/MLA कोर्ट ने मुख्तार को धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उसे 2 लाख रुपये का जुर्माना भी जमा कराने का आदेश दिया. इस दौरान मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही सजा सुन रहा था.
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क्या है 36 साल पुराना केस, जिसमें बाहुबली Mukhtar Ansari को मिली उम्रकैद