डीएनए हिंदी: विधि आयोग ने कानून मंत्रालय से सिफारिश की है कि स्कूली पाठ्यक्रम में सेक्स एजुकेशन, बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से द जाए. विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बच्चों को यौन उत्पीड़न और हिंसा से जुड़े अलग-अलग मामलों के बारे में जानकारी दी जाए. इस मामले में व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है. 

विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता में तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों को शारीरिक, मानकिस और बौद्धिक विकास के लिए चाइल्ड सेक्स अब्यूज से संबंधित पहलुओं को समझाने की जरूरत है.

विधि आयोग ने क्या कहा है?
विधि आयोग ने सिफारिश की है कि स्कूल के पाठ्यक्रमों में यह भी बच्चों को बताया जाए कि उम्र के हिसाब से उनमें कुछ बदलाव होते हैं. ये बदलाव शारीरिक और मानसिक दोनों होते हैं. किशोरों को सेक्स एजुकेशन के बारे में ज्यादा जानकारी देने की जरूरत है. 

इसे भी पढ़ें- 'सेक्स के लिए न्यूनतम उम्र घटाना ठीक नहीं,' विधि आयोग को सता रहा इन बातों का डर

एज ऑफ कंसेंट में न हों बदलाव
लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार  से सिफारिश की है कि सेक्स के लिए न्यूनतम सहमति की उम्र 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष न की जाए. लॉ कमीशन ने कहा है कि प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट (POSCO) के तहत सहमति की मौजूदा उम्र के साथ छेड़छाड़ न की जाए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Law Commission recommendation on sex education cautions govt over altering age of consent POCSO Act
Short Title
उम्र के हिसाब से स्कूल दें बच्चों को सेक्स एजुकेशन, लॉ कमीशन ने उठाई मांग
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
स्कूलों में सेक्स एजुकेशन के लिए विधि आयोग ने की सिफारिश.
Caption

स्कूलों में सेक्स एजुकेशन के लिए विधि आयोग ने की सिफारिश.

Date updated
Date published
Home Title

उम्र के हिसाब से स्कूल दें बच्चों को सेक्स एजुकेशन, लॉ कमीशन ने उठाई मांग
 

Word Count
263