डीएनए हिंदीः सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने चारा घोटाले के एक और मामले में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को दोषी करार दिया है. डोरंडा मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपी दोषी पाए गए हैं वहीं 24 आरोपी बरी कर दिए गए हैं. इस मामले में कोर्ट 21 फरवरी को लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाएगा. लालू यादव के साथ ही बाकी लोगों की सजा पर 21 फरवरी को फैसला आएगा.
क्या है डोरंडा कोषागार मामला?
डोरंडा कोषागार से जुड़ा यह मामला करीब 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है. चारा घोटाले के सबसे बड़े आरसी 47 ए/96 के ये मामले 1990 से 1995 के बीच के हैं. डोरंडा कोषागार से जुड़े घोटाले में शुरुआत में 170 आरोपी थे. इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है.
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3 साल से ज्यादा मिली सजा तो होगी मुश्किल
अगर इस मामले में लालू प्रसाद यादव को तीन साल से कम की सजा होती है तो यहीं से उन्हें जमानत मिल जाएगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो लालू को कस्टडी में लिया जाएगा. इसी मामले में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत को भी दोषी माना गया है. उनको तीन-तीन साल की सजा हुई है. इससे पहले लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार मामलों में करीब 27 साल की सजा सुनाई गई है. फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर हैं.
चारा घोटाले में लालू यादव के सभी मामलों में फैसला
झारखंड में जिन पांच मामलों में लालू यादव आरोपी बनाए गए हैं, उनमें ये एकमात्र मामला है जिसमें फ़ैसला आना बाकी था. चार मामलों में कोर्ट पहले ही फैसला सुना चुका है. गौरतलब है कि चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया था. सीबीआई ने जून 1997 में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया था. एजेंसी ने प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ भी आरोप तय किए थे.
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चारा घोटाले के एक और केस में Lalu Prasad Yadav दोषी करार, 139 करोड़ का था मामला