Shocking News: यदि किसी को सांप एक बार डंस ले तो वह इलाज की सोचने के बजाय घबराहट के मारे अपनी जान गंवा देता है. लेकिन ओडिशा (Odisha News) के मयूरभंज जिले में अजब मामला सामने आया है. एक युवक को सांप ने एक नहीं तीन से चार बार डंस लिया. डंसने वाला सांप भी कोई मामूली नहीं बल्कि कोबरा सांप था. इसके बावजूद युवक ने घबराने के बजाय सांप से अपना बदला तत्काल ले लिया. उसने सांप को मार दिया और उसके शव को प्लास्टिक बैग में डालकर सीधे अस्पताल पहुंच गया. एक बार तो यह देखकर अस्पताल में भी हड़कंप मच गया, लेकिन फिर युवक को जहर की काट वाली दवा देकर उसकी जान बचा ली गई. डॉक्टरों ने युवक की इस बात के लिए तारीफ की है कि उसके मरा हुआ सांप साथ लेकर आ जाने से उसकी सही पहचान हो गई. इससे उसे जहर की सही प्रतिरोधक दवा देने में मदद मिली और इसके चलते ही उसकी जान बच गई है.
घर के बाहर किया था सांप ने हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मयूरभंज जिले के उडाला थान क्षेत्र के नागपाल गांव में अजीत कर्मकार नाम का व्यक्ति अपने घर के बाहर खड़ा था. अचानक वहां एक कोबरा सांप आया और उसने अजीत को एक-दो बार नहीं बल्कि 3-4 बार डंस लिया. अजीत ने तत्काल सांप को मार दिया. इसके बाद वह इलाज के लिए अस्पताल चला गया. साथ में वह प्लास्टिक बैग में मरे हुए सांप को भी डालकर ले गया. उडाला के सरकारी अस्पताल में पहुंचने तक अजीत पर जहर का पूरा असर हो चुका है. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, जहर के असर से उसकी आंखों की फैली पुतलियां और जख्मों से खून बहता देखकर डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया और इलाज शुरू कर दिया.
प्लास्टिक बैग खोलते ही डर गया अस्पताल का स्टाफ
अस्पताल में इलाज के दौरान जब स्टाफ ने अजीत का प्लास्टिक बैग खोला तो उसमें मरा हुआ कोबरा देखकर वहां हड़कंप मच गया. सभी डर गए. हालांकि सांप को मरा हुआ देखकर उन्होंने राहत की सांस ली और फिर उसकी पहचान करके अजीत को सही एंटी-वेनम दिया गया. उडाला मेडिकल सेंटर के डॉक्टर राजकुमार नायक के मुताबिक, शरीर पर सांप के दांतों के निशान से हम कोबरा होने का अनुमान लगा रहे थे, लेकिन प्लास्टिक बैग में मरा हुआ कोबरा निकलने से इसकी पुष्टि भी हो गई. इससे उसे तत्काल सही एंटी-वेनम देने में मदद मिली और अजीत की जान बच गई. फिलहाल अजीत को अस्पताल में ही निगरानी में रखा गया है, जहां उसकी हालत में सुधार हो रहा है.
हर सांप का जहर होता है अलग किस्म का
दरअसल हर नस्ल के सांप का जहर अलग-अलग किस्म का होता है. कोबरा सांप के जहर का एंटी-वेनम उसके जहर से ही तैयार होता है, जबकि वाइपर और करैत सांपों के जहर का एंटी-वेनम उनके जहर से ही बनता है. इसलिए सांप के काटने पर इलाज करते समय डॉक्टरों को मरीज से उसका हुलिया पूछना पड़ता है, जिससे सांप कौन सी नस्ल का है, ये अंदाजा लगाया जाता है. ऐसा होने पर अंदाज से ही एंटी-वेनम दिया जाता है, जो कई बार गलत निकलने पर मरीज की मौत भी हो जाती है. सांप साथ लाने से यह लाभ हुआ कि डॉक्टरों को यह पता लग गया कि मरीज को किस सांप ने काटा है. इससे सही एंटी-वेनम समय पर मिलने के कारण मरीज की जान बच जाती है.
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युवक ने कोबरा के डंसने पर तत्काल या बदला, मारकर थैले में डाला और पहुंच गया अस्पताल