डीएनए हिंदी: Delhi Crime News- दिल्ली में दुनिया की 20 आर्थिक महाशक्तियों के समूह जी-20 के शिखर सम्मेलन का भारत ने जोरदार आयोजन किया है. इस आयोजन के चर्चे 20 दिन बाद भी पूरी दुनिया में हो रहे हैं, लेकिन इस आयोजन के दौरान भारत की पूरी दुनिया में बेइज्जती भी हो सकती थी. महज बेइज्जती ही नहीं होती बल्कि भारत हमेशा के लिए पूरी दुनिया की नजरों में असुरक्षित देशों की श्रेणी में भी आ जाता, जिससे हमारी पूरी अर्थव्यवस्था ही ठप हो जाती. यह सब हो सकता था यदि खालिस्तानी आतंकियों की एक साजिश को सुरक्षा एजेंसियों ने सही वक्त पर पकड़कर फ्लॉप नहीं कर दिया होता. दरअसल खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से जुड़े आतंकियों ने भारत की बेइज्जती करने और पूरी दुनिया का ध्यान अपने कथित जनमत संग्रह की तरफ खींचने के लिए एक साजिश रची थी. इस साजिश के तहत दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले बड़े पैमाने पर बम धमाके किए जाने थे, जिससे जी-20 सम्मेलन रद्द हो जाता और भारत को जवाब देना भारी हो जाता.
मेट्रो स्टेशनों और एयरपोर्ट पर होने थे धमाके
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, SFJ ने दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशनों और दिल्ली एयरपोर्ट पर बम धमाके करने की साजिश रची थी. इस साजिश की जानकारी G20 Summit से ठीक पहले केंद्र सरकार की तरफ से बुलाई गई मल्टी एजेंसी मीटिंग में हुआ. इस मीटिंग में देश की सुरक्षा से जुड़ी सभी बड़ी एजेंसियां शामिल हुई थीं.
पन्नूं के वॉयस मैसेज को ट्रेस करने से हुआ खुलासा
सुरक्षा एजेंसियों की इस मीटिंग में मौजूद रहे एक सूत्र के मुताबिक, SFJ से जुड़े एक मेंबर के भारतीय मोबाइल नंबर पर 31 अगस्त को एक वॉयस मैसेज आया था. ब्रिटेन से आया यह वॉयस मैसेज गुरपतवंत सिंह पन्नूं की आवाज में था, जिसमें खालिस्तानी आतंकवादियों के दिल्ली में बम धमाके करने की बात कही गई थी. इसी मैसेज में कहा गया था कि ये धमाके दिल्ली एयरपोर्ट और कई मेट्रो स्टेशनों पर होने हैं. इसका मकसद खालिस्तानी रेफरेंडम की गूंज पूरी दुनिया में सुनाने की थी.
G20 Summit के वेन्यू और होटलों को भी बनाना था निशाना
जी-20 शिखर सम्मेलन के वेन्यू यानी भारत मंडपम और विदेशी मेहमानों की मेजबानी करने वाले होटलों को भी निशाना बनाने की तैयारी थी. यह जानकारी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा 31 अगस्त को ही इंटरसेप्ट की गई एक और कॉल से मिली थी. ये साजिश भी खालिस्तानी आतंकी ही रच रहे थे. गुरपतवंत सिंह पन्नूं की आवाज वाला ही एक और वॉइस मैसेज इंटेलिजेंस ब्यूरो ने 1 सितंबर को इंटरसेप्ट किया था. इसमें भी दिल्ली एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशनों पर बम ब्लास्ट करने की बात दोहराई गई थी. साथ ही इसमें इन जगहों पर खालिस्तानी झंडे लहराने की भी बात कही गई थी. इसके जरिये वे लोग भारत सरकार को संदेश देना चाहते थे.
साजिश में था खालिस्तानी आतंकियों-पंजाबी गैंगस्टरों का गठजोड़
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, इस साजिश के पीछे खालिस्तानी आतंकियों और पंजाबी गैंगस्टरों के गठजोड़ सामने आया. पन्नूं ने साजिश रचने में गैंगस्टर मनप्रीत सिंह पीटा की मदद ली थी, जो फिलीपींस में रहकर गैंग ऑपरेट करता है. पीटा की दोस्ती कनाडा में रहकर पंजाब में गैंग चला रहे अर्श दल्ला से है. पीटा की मदद से पन्नूं अर्श दल्ला के जरिये बम धमाकों की पूरी साजिश को अंजाम देना चाहता था, लेकिन इससे पहले ही NIA मनप्रीत सिंह पीटा और उसके भाई मनजीत को फिलीपींस से डिपोर्ट कर भारत ले आई थी.
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