डीएनए हिंदीः भारत में नव वर्ष के साथ ही त्योहारों की शरुआत हो जाती है. कल मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व है. मकर संक्रांति के पावन पर्व पर बिहार में दही-चूड़ा खाए जाने का प्रचलन है. इस मौके पर भागलपुर के स्वादिष्ट कतरनी चूड़ा की भी खूब डिमांड होती हैं.
इस बार मकर संक्रांति के मौके पर भागलपुर जिला प्रशासन ने कतरनी चूड़ा के 200 पैकेट दिल्ली के बिहार भवन भेजे हैं. ये पैकेट्स प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित अन्य विशिष्ट शख्सियतों को भेजे गए हैं. भागलपुर के जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा बताते हैं कि हमने पहली बार दिल्ली मे कतरनी चूड़ा भेजा है. दिल्ली से इसकी और मांग आई है.
कहां-कहां होती है कतरनी चूड़ा की खेती
कतरनी चूड़ा की खेती भागलपुर के जगदीशपुर, सुल्तानगंज, मुंगेर के तारापुर, बांका के रजौन, अमरपुर एवं जमुई के कुछ खास क्षेत्रों में की जाती है. मकर संक्रांति पर इसकी मांग बहुत बढ़ जाती है. यह खुशबूदार धान है, जो अलग स्वाद के लिए अपनी अलग पहचान रखती है.
कोरोना काल में भी इसकी बिक्री पर फर्क नहीं पड़ा है. मकर संक्रांति के पर्व पर तिलकुट की मांग भी बढ़ रही है. भागलपुर के एक दुकानदार बताते हैं कि कतरनी 80 रुपये किलो बिक रहा है. इस बार बहुत अच्छी बिक्री हो रही है.
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