डीएनए हिंदी: Nitish Kumar Reaction on Karpoori Thakur Bharat Ratna- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़कर राजद और कांग्रेस से हाथ मिलाया था, लेकिन पिछले कुछ समय से उनकी दोबारा भगवा खेमे में वापसी की अफवाहें उड़ रही हैं. नीतीश कुमार को लगातार उनके द्वारा ही खड़े किए गए विपक्षी दलों के I.N.D.I. गठबंधन से नाराज बताया जा रहा है. ऐसे में नीतीश ने फिर कुछ ऐसा किया है, जिससे इन चर्चाओं को और ज्यादा हवा मिल गई हैं. नीतीश ने बिहार के जननायक कहलाने वाले दिवंगत नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान देने के पीएम मोदी की सरकार के फैसले की बुधवार को जमकर सराहना की, जबकि अपने गठबंधन के साथी लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना राजनीतिक दलों को परिवारवाद पर जमकर निशाना साधा है.
कर्पूरी ठाकुर को मिल रहे सम्मान का राजनीतिक असर
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को पिछड़े वर्ग का बड़ा नेता माना जाता था. बुधवार को उनकी 100वीं जयंती थी. इससे ठीक एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने अचानक उन्हें भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान कर दिया. इस फैसले ने देश के सभी राजनीतिक दलों को चौंका दिया है. दरअसल इसका असर बिहार ही नहीं कई राज्यों के पिछड़ा वर्ग वोट बैंक पर होने की संभावना मानी जा रही है. बिहार की राजनीति पर इसका असर नीतीश के बुधवार को आए बयान में तत्काल ही दिख भी गया है.
नीतीश बोले, 'पीएम मोदी को बधाई देता हूं'
नीतीश कुमार बुधवार को पटना में ही कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर आयोजित रैली में मौजूद थे. उन्होंने रैली के मंच से पीएम मोदी की तारीफ कर सभी को चौंका दिया. उन्होंने कहा, कारण चाहे जो भी रहा है, लेकिन पीएम मोदी के कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के काम के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं. पीएम ने हमें तो फोन नहीं किया, लेकिन कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर जी को फोन किया. फिर भी मैं प्रेस के जरिए उन्हें इस ऐलान के लिए बधाई देता हूं.
परिवारवाद पर कसा तंज, बोले-'हम अपने परिवार को राजनीति में नहीं लाए'
नीतीश कुमार ने रैली के मंच से एक ऐसी बात कही, जिससे उनके गठबंधन सरकार में सहयोगी दल राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के गांधी परिवार पर तंज माना जा रहा है. नीतीश ने कहा, कर्पूरी ठाकुर जी ने कभी अपना परिवार राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया. उनके बाद हमने रामनाथ ठाकुर को राज्यसभा सांसद बनाया. उनसे सीखकर ही हम भी अपना परिवार राजनीति में नहीं लाए, लेकिन बहुत लोग तो अपने परिवार को ही बढ़ाते रहते हैं.
'कर्पूरी ठाकुर ने तो 1978 में ही दे दिया था आरक्षण'
जदयू सुप्रीमो और बिहार के सीएम नीतीश ने हालांकि पीएम मोदी पर भी हल्का सा तंज कसा. उन्होंने कहा, पीएम मोदी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए मेरे द्वारा किए प्रयासों को स्वीकार किए बिना ही इसका पूरा श्रेय खुद ले सकते हैं. उन्होंने अपनी सरकार की जातिगत जनगणना का जिक्र किया औ कहा कि यह कदम कर्पूरी ठाकुर के सामाजिक न्याय से ही प्रेरित था, जिन्होंने 1978 में ही पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को जोड़कर आरक्षण दे दिया था. ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ था. अब हम मांग करते हैं कि देश में पिछड़ा और अति पिछड़ा की गिनती होनी चाहिए. इसके हिसाब से ही उनका आरक्षण बढ़ाया जाना चाहिए. देश में अति पिछड़ा वर्ग की संख्या बहुत ज्यादा है और वो बेहद गरीब है.
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पीएम मोदी की तारीफ और लालू-राहुल पर तंज, क्या फिर पलटी मारने वाले हैं नीतीश कुमार