डीएनए हिंदीः कर्नाटक में हिजाब बैन के खिलाफ प्रदर्शन के चलते पीयू की परीक्षा छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को अब दोबारा एग्जाम देने का मौका नहीं दिया जाएगा. बीते रविवार सरकार ने यह आदेश जारी किया है.
दरअसल हिजाब विवाद के चक्कर में कई छात्राओं ने प्रैक्टिकल का बहिष्कार किया था जिसके बाद उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलने के संकेत दिए जा रहे थे लेकिन रविवार को सरकार ने इस विकल्प को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया.
दोबारा एग्जाम कराने को लेकर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, 'हम इस संभावना पर विचार भी कैसे कर सकते हैं? अगर हम हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद भी परीक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रैक्टिकल का बहिष्कार करने वाले छात्रों को अनुमति देते हैं तो एक और छात्र किसी अन्य कारण का हवाला देते हुए आएगा और दूसरा मौका मांगेगा. यह असंभव है.'
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इसके अलावा सरकार का मानना है कि परीक्षाएं सभी की मर्जी और इच्छा से आयोजिन नहीं की जा सकती हैं. इसके लिए एक पैटर्न होता है. प्रश्न पत्र बनाने और फिर मूल्यांकन में काफी समय और मेहनत लगती है, इसे अचानक और कभी भी नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि ये प्रैक्टिकल परीक्षाएं बोर्ड एग्जाम का हिस्सा थीं. इन्हें छोड़ने वाली छात्राओं के भविष्य पर अब खतरा मंडराने लगा है. जिन छात्रों ने हिजाब विवाद में प्रैक्टिकल परीक्षाएं छोड़ी हैं उन्हें अब पूरे 30 नंबरों का नुकसान होगा. हालांकि जो छात्राएं अपना शैक्षणिक सत्र बचाना चाहती हैं उनके पास अभी भी 70 अंकों की लिखित परीक्षा में शामिल होकर विषय में पास करने का मौका है.
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Karnataka Hijab row: प्रैक्टिकल एग्जाम छोड़ने वाले छात्रों को नहीं मिलेगा दूसरा मौका, सरकार का बड़ा फैसला