Akhilesh Yadav on Muzaffarnagar Police: कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक विवाद रोकने के लिए उठाया गया मुजफ्फरनगर पुलिस का एक कदम सियासी हंगामा खड़ा कर गया है. पुलिस ने यात्रा के दौरान सड़क किनारे की सभी दुकानों और ढाबों पर उनके मालिकों के नाम टंगवा दिए हैं ताकि कांवड़ियां को यह पता रहे कि वो किसकी दुकान से सामान ले रहे हैं. इस आदेश के बाद सभी दुकानों पर आरिफ फल वाला, रामू चाय वाला जैसे बोर्ड टंग गए हैं. इस कवायद को कांवड़ मार्ग पर मुस्लिम दुकानदारों की पहचान स्पष्ट करने से जोड़ा जा रहा है, जिसके चलते समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भड़क गए हैं. उन्होंने इसे लेकर  ट्वीट करके सरकार से सवाल पूछा है कि जिन लोगों के नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उनके नाम से क्या पता चलेगा?


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'कोर्ट ले ऐसे मामले में स्वत: संज्ञान'

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट में लिखा,'… और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं.' इससे पहले AIMIM चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसे लेकर आपत्ति जताते हुए ऐसे बोर्ड लगवाने की तुलना दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद और हिटलर के समय के जर्मनी से की थी.

क्या है मुजफ्फरनगर पुलिस का आदेश

मुजफ्फरनगर पुलिस की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है. इस आदेश में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान सभी खानपान की दुकानों-होटलों और ढाबों या ठेलों, जहां से भी शिवभक्त कांवड़िए सामान खरीद सकते हैं, वे सभी अपनी-अपनी दुकानों, ठेलों या होटलों पर प्रोपराइटर का नाम या उसके संचालक का नाम लिखकर बोर्ड टांग लें. इसके बाद सभी जगह दुकानदारों के नाम वाले बोर्ड टंग गए हैं.

राज्य मंत्री ने दी थी मुस्लिम दुकानदारों को चेतावनी

इससे पहले राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्थानीय विधायक कपिल देव  अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर में ऐसे सभी ढाबा या दुकान संचालकों को चेतावनी दी थी, जो मुस्लिम होने का बावजूद हिंदू देवी-देवता के नाम से अपने बिजनेस चला रहे हैं. उन्होंने कहा था कि ऐसे सभी लोगों को अपने बिजनेस का नाम बदल लेना चाहिए ताकि किसी भी तरह के विवाद की स्थिति ना बने. दरअसल मुजफ्फरनगर में बहुत सारे ढाबे ऐसे हैं, जो हिंदू देवी-देवता के नाम पर हैं, लेकिन उनके संचालक या मालिकाना हक मुस्लिमों के पास हैं. इसे लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है.

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Kanwar Yatra 2024 Akhilesh yadav angry tweet over muzaffanagar police order to hang shopkeepers name on carts
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'गुड्डू, मुन्ना या फत्ते का क्या करोगे' Kanwar Yatra के लिए टंगवाए गए दुकानदारों
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'गुड्डू, मुन्ना या फत्ते का क्या करोगे' Akhilesh Yadav ने क्यों पूछा है योगी सरकार से ये सवाल

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