डीएनए हिंदी: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत के साथ रहा क्योंकि महात्मा गांधी ने कहा था कि यह देश सभी के लिए है. फारूक अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग से मांग की है कि जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में अब चुनाव की सख्त जरूरत है. जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विपक्षी दलों के कई नेता शामिल हुए. फारूक अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी अनुच्छेद था क्योंकि जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह होना था, जो कभी नहीं हुआ.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक यूसुफ तारिगामी, करगिल के नेता सज्जाद हुसैन कारगिली, द्रमुक सांसद कनिमोझी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राजद सांसद मनोज झा ने भाग लिया.
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2014 में हुआ था, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने मिलकर सरकार बनाई थी. जून 2018 में गठबंधन टूट गया और राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. इसके बाद अगस्त 2019 में, केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया.
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'जिन्ना ने सोचा कश्मीर उनकी जेब में'
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर की त्रासदी यह है कि जब से भारत को आजादी मिली और दो देश बने, जिन्ना ने सोचा कि कश्मीर उनकी जेब में है. उन्हें एहसास ही नहीं हुआ कि ऐसा नहीं है. कई लोग कहते हैं कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी चीज थी. आपको यह महसूस करना चाहिए कि ऐसा इसलिए था क्योंकि जनमत संग्रह में यह तय करना था कि हमें किसके साथ जाना है.'
'हम पाकिस्तान जा सकते थे...'
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'आपको यह समझना होगा कि एक मुस्लिम बहुल राज्य ने हिंदू बहुसंख्यक भारत में रहने का फैसला किया है. हम पाकिस्तान जा सकते थे, जो चीज हमें यहां लेकर आई वह गांधी और उनका कथन था कि यह देश सभी के लिए है.'
'देश में बढ़ रहा सांप्रदायिक विभाजन'
फारूक अब्दुल्ला ने दावा किया कि देश में सांप्रदायिक विभाजन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, 'कश्मीर ने कभी आजादी नहीं मांगी, हम इस देश का हिस्सा हैं.'
कश्मीर पर क्या बोले सीताराम येचुरी?
सीताराम येचुरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो हो रहा है वह न केवल मानवीय मुद्दा है बल्कि आजादी के बाद बने भारत का विनाश है. आज समानता पर हमला किया जा रहा है. आप देख सकते हैं कि मणिपुर में क्या हो रहा है. कश्मीर में अब भी चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में तुरंत चुनाव होने चाहिए.
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक एमवाई तारिगामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पंचायत चुनाव कराने का श्रेय लिया, लेकिन परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होने के बावजूद विधानसभा चुनाव नहीं करा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को कोई भी निर्णय लेने से पहले जनजातीय समूहों से बातचीत करनी चाहिए. (इनपुट: भाषा)
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'बापू की तारीफ, मोदी की पर हमला,' कश्मीर पर क्या बोल गए फारूक अब्दुल्ला