डीएनए हिंदी: कुछ राजनीतिक पार्टियों का एजेंडा बरसों-बरस एक सा ही रहता है जिसके चलते वो हाशिए पर चली जाती हैं. जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय दल नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की स्थिति भी कुछ ऐसी है. नए साल के पहले दिन से ही अलगाववाद की मुहिम छेड़ने के चलते पुलिस ने इन्हें नजरबंद किया तो इनके नेताओं ने पुनः केंद्र सरकार की आलोचनाओं का तीर निकालते हुए खुद को पीड़ित साबित करने की कोशिश शुरू कर दी है. वहीं परिसीमन आयोग की सिफारिशों को लेकर केंद्र सरकार पर ही हमला बोलना शुरू कर दिया है.
नए साल के पहले दिन ही टकराव
परिसीमन आयोग की सिफारिशों को लेकर गुपकार गठबंधन की पार्टियों ने साल के पहले दिन ही राजनीतिक विरोध की तैयारियां शुरू की थीं. वहीं जब पुलिस ने इन दलों के मंसूबों को समझ लिया तो इन दलों के मुख्य नेताओं पर कार्रवाई करते हुए इन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया. ऐसे में सभी नेता ट्विटर पर विरोध का सुर छेड़ रहे हैं.
आक्रोशित है गुपकार गठबंधन
जम्मू-कश्मीर के इस मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, “सुप्रभात और 2022 का स्वागत. उसी जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) पुलिस के साथ एक नए साल की शुरुआत जो अवैध रूप से लोगों को उनके घरों में बंद कर रही है और प्रशासन सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि से इतना डरा हुआ है. गुपकर गठबंधन के शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए ट्रक हमारे गेट के बाहर खड़े हैं. कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं.”
As the sun sets on 2021 I’m happy to see the back of this year. I know there are always blessings to be counted but it’s been a pretty pathetic one, all things considered. Here’s hoping next year is better. Wish you all good health & much happiness in 2022.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 31, 2021
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख और राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा, “जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के लोग खुद को अशक्त बनाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहते हैं तो केंद्र बेहद असहिष्णु हो जाता है.” उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “हमारे विरोध को विफल करने के निरंकुश प्रशासन के प्रयासों के बावजूद, पीडीपी और नेकां कार्यकर्ता आज श्रीनगर में सड़कों पर उतरकर धारा 370 के अवैध निरसन के खिलाफ आवाज उठाने में कामयाब रहे. मैं उनके साहस और संकल्प को सलाम करती हूं.”
GOI trumpets scrapping Article 370 & dismembering J&K throughout the country but is deeply paranoid & intolerant when people of J&K want to protest against its disempowerment. For the umpteenth time, we’ve been placed under house arrest for trying to organise a peaceful protest
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 1, 2022
इसके अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के स वरिष्ठ नेता और गुपकार गठबंधन के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा, “यह दुखद है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) प्रशासन इतना डरा हुआ है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे पा रहा है.”
क्यों भड़का है गुपकार गठबंधन
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 के बाद से अभी तक क्षेत्रीय दलों का ये गुपकार गठबंधन भाजपा और मोदी सरकार पर हमलावर है. वहीं परिसीमन का मुद्दा उठते ही ये गठबंधन विरोध करने लगा था. हाल ही में परिसीमन आयोग की सिफारिशों में जम्मू में 6 विधानसभा सीटें और कश्मीर में एक विधानसभा सीट बढ़ाने की बात कही गई है.
यदि ऐसा होता है तो विधानसभा में सीटों का गणित जम्मू-कश्मीर के लिहाज से पूर्णतः बराबर हो जाएगा और कश्मीर केन्द्रित राजनीति करने वाले दलों को इसका नुकसान हो सकता है. इसीलिए इस मुद्दे का गुपकार गठबंधन द्वारा विरोध किया जा रहा है.
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