डीएनए हिंदी: जहांगीरपुरी में हुई हिंसा (Jahangirpuri Violence) के बाद आरोपियों के अवैध कब्जों पर एमसीडी (MCD) की कार्रवाई पर कल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगाई थी. आज सुनवाई को दौरान कोर्ट ने एक बार फिर जहांगीरपुरी में बुलडोजर एक्शन पर रोक को बरकरार रखा है लेकिन पूरे देश में अलग-अलग सरकारों द्वारा हो रही बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है.सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिमोलेशन पर पूरे देश में रोक का आदेश नहीं दे सकते.
दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई
कल रोक लगाने के बाद अज जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी. कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक यथास्थिति बरकरार रहेगी. ऐसे में कोर्ट के आदेश के तहत तब तक एमसीडी इस मामले पर बुलडोजर एक्शन नहीं ले सकता है. आपको बता दें कि इस मामले में कोर्ट में याचिक जमीयत उलेमा-ए-हिंद संस्था द्वारा दायर की गई थी.
कपिल सिब्बल ने की थी रोक की मांग
दरअसल, इस मामले में कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने भी अपना पक्ष रखा है. सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कहा, "अतिक्रमण अपने आप में दिक्कत है पर सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि मुस्लिम समुदाय से इसे जोड़ दिया गया है. देश के कई हिस्सों में ऐसा हो रहा है. मुस्लिम समुदाय के घरों को ढहाया जा रहा है. मध्यप्रदेश के मंत्री का बयान देखिए. उन्होंने कैसे इसे जस्टिफाई किया है. जो लोग पहले से ही जेल में बंद है, उनके घरों को भी तोड़ दिया गया." सिब्बल ने इसके साथ ही यह मांग की है कि पूरे देश में जो बुलडोजर एक्शन हो रहा है कोर्ट उस पर तुरंत रोक लगाए लेकिन कोर्ट ने उनकी यह बात नकार दी.
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कपिल सिब्बल ने पूरे देश में हो रहे बुलडोजर एक्शन को लेकर कहा, "देश भर में बुलडोजर एक्शन पर रोक चाहता हूं. इस पर कोर्ट ने कहा कि पूरे देश में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक का आदेश हम नहीं दे सकते. कोर्ट ये भी तो देखे कि क्या ये कार्रवाई किसी खास इलाके में हो रही है. 'हम इस पर विचार करेंगे." कोरर्ट ने कहा है कि पूरे देश में डिमोलेशन की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती है.
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गरीबों को बनाया जा रहा है निशाना
वहीं इस मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वकील दुष्यंत दबे ने दलील दी. उन्होंने कहा केवल इसी जगह को टारगेट क्यों किया गया. दिल्ली में अन्य जगहों पर भी तो अवैध कॉलोनी हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1731 अवैध कॉलोनियां हैं. लेकिन जहांगीरपुरी को टारगेट बनाया गया. बिना किसी नोटिस के यहां कार्रवाई की गई. उन्होंने इसे गरीबों और कमजोरों के खिलाफ अत्याचार करार दिया है.
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