डीएनए हिंदी: आज 28 मई को दुनिया भर की महिलाओं की सेहत से जुड़ी जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से International Day of Action for Women’s Health मनाया जाता है. ऐसे में जानना जरूरी है कि हमारे देश की महिलाओं के सामने सेहत से जुड़ी कौन-कौन सी चुनौतियां प्रमुख हैं. इनसे कैसे निपटा जा सकता है और कैसे एक स्वस्थ भारत का निर्माण हो सकता है.

 57 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी  
हाल ही में जारी NFHS-5 सर्वे के अनुसार देश की 57% महिलाएं एनीमिया यानि खून की कमी से पीड़ित हैं. देश के पूर्वी राज्य बिहार(63.5 %) झारखंड (65.3%) उड़ीसा (64.3%) और पं.बंगाल में एनीमिया पीड़िता महिलाओं का औसत पूरे देश से भी ज्यादा है. समृद्ध घरों की भी 51 % महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं. वहीं देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में भी इसे लेकर कोई खास अंतर नहीं है. शहरी औऱ ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में 59 % महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं.

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माहवारी से जुड़ी जागरुकता
NFHS-5 का सर्वे बताता है कि देश में 15-24 आयु वर्ग के बीच 21 प्रतिशत बेटियां माहवारी के समय स्वस्थ साधनों का प्रयोग नहीं करती हैं. भारत में 64 प्रतिशत महिलाएं सैनिटरी नैपकिन का,50 प्रतिशत कपड़े का और 15 प्रतिशत स्थानीय रूप से तैयार नैपकिन का उपयोग करती हैं. वहीं शहरी और गांव का अंतर इस मामले में साफ देखने को मिलता है. शहरी महिलाओं के 90 प्रतिशत की तुलना में 73 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं ही मासिक धर्म के वक्त स्वच्छ तरीकों का इस्तेमाल कर पाती हैं. सबसे कम स्वच्छ तरीकों को अपनाने के मामले में बिहार  (59%), मध्य प्रदेश (61%), और मेघालय (65%) की महिलाओं का नम्बर आता है.   

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गर्भधारण से लेकर गर्भपात तक हक किसका  
गर्भपात का फैसला महिला के लिए भावनात्मक रूप से भी बहुत बड़ा कदम होता है. NFHS-5 सर्वे ने बताया कि 47 प्रतिशत मामले Unplanned Pregnancy के होते हैं, वहीं 4.1 प्रतिशत मामलों में महिला का सास-ससुर या पति गर्भ गिराने के लिए कहता है. मतलब साफ है कि देश की हर दूसरी महिला ये कहने के लिए भी स्वतंत्र नहीं है कि उसका शरीर एक और शरीर को सहेजने के लिए तैयार भी है या नहीं .  

 हर तीन में से एक महिला वैवाहिक हिंसा का शिकार  
NFHS-5 सर्वे ये भी बताता है कि विवाहित महिलाओं में से 32% पति द्वारा शारीरिक, यौन या भावनात्मक हिंसा का शिकार हुई हैं. पूरे देश में स्थिति एक जैसी नहीं है. देश की औसत से खराब स्थिति वाले राज्यों में दक्षिणी भारत के 4 राज्य- कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश शामिल हैं, इनके साथ बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, असम और मणिपुर भी इस सूची का हिस्सा हैं.  

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International Day of Action for Women Health know the important challenges for women health in india
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International Day of Action for Women’s Health : 57 प्रतिशत महिलाओं में खून की क
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57 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी, हर पांचवी बेटी इस्तेमाल करती है माहवारी के असुरक्षित साधन