Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरियर से नवजात बच्चे का शव दूसरे शहर भेजने की कोशिश का मामला सामने आया है. यह शव लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कार्गो एरिया में उस समय बरामद हुआ, जब कोरियर के लिए जाने वाले सामान को स्कैनर्स से गुजारा जा रहा था. एक प्लास्टिक के डिब्बे में रखकर कोरियर बॉक्स में पैक किए गए नवजात बच्चे के शव को स्कैनिंग मशीन में देखकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. नवजात बच्चे के शव वाला यह बॉक्स नवी मुंबई भेजा जा रहा था. इस बॉक्स को लाने वाले कोरियर एजेंट को एयरपोर्ट पर ही दबोच लिया गया और उसे सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के हवाले कर दिया गया. CISF ने उससे पूछताछ करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया है. पुलिस ने भी युवक से पूछताछ की है.
निजी कोरियर कंपनी ने बुक किया था बॉक्स
नवजात बच्चे के शव वाले बॉक्स को नवीं मुंबई एयर कार्गो से भेजने के लिए एक निजी कोरियर कंपनी ने बुक कराया था. कोरियर कंपनी का एजेंट शिव बरन इसे लेकर एयरपोर्ट पर कार्गो सेक्शन में पहुंचा था. मंगलवार सुबह जब शिव बरन के लाए हुए कार्गो बॉक्स स्कैन किए जा रहे थे तो मशीन के अंदर नवजात बच्चे का शव दिखाई देने पर उसे बाहर निकालकर खोला गया. एयरपोर्ट चौकी प्रभारी के मुताबिक, बॉक्स खोलते ही कर्मचारियों को उसके अंदर नवजात बच्चे का शव मिला. इसके बाद सीआईएसएफ को जानकारी दी गई.
हजरतगंज के एक अस्पताल से बुक कराया गया था कोरियर
कोरियर लेकर आए शिव बरन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि यह बॉक्स हजरतगंज स्थित इंदिरा IVF हॉस्पिटल से बुक कराया गया था. बुक कराने वाले व्यक्ति का नाम चंदन यादव था. हालांकि कोरियर एजेंट बॉक्स के अंदर नवजात बच्चे का शव होने से जुड़े कोई कागजात नहीं दिखा पाया है.
शव को केमिकल से किया गया था सुरक्षित
लखनऊ पुलिस के मुताबिक, कोरियर बॉक्स के अंदर नवजात बच्चे के शव को उस केमिकल से सुरक्षित किया गया था, जो किसी जीव के शव को लंबे समय तक संरक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह बॉक्स इंडिगो लखनऊ-मुंबई फ्लाइट नंबर 6E2238 से भेजा जाना था. इसे नवी मुंबई की रूपा सोलिटायर प्रीमिसेस, सीओ, ओपी, एसओसी, लिमिटेड, सेक्टर-1, बिल्डिंग नंबर-1, मिलेनियम बिजनेस पार्क, नवी मुंबई के पते पर कोरियर किया गया था.
नवजात बच्चा नहीं 7 महीने का भ्रूण?
लखनऊ पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, यह नवजात बच्चे का शव नहीं बल्कि सात महीने का भ्रूण है, जो IVF कराने वाली महिला का मिसकैरेज होने के कारण समय से पहले मृत पैदा हुआ है. दंपती के आग्रह पर मिसकैरेज का कारण जानने के लिए इसे इंदिरा IVF अस्पताल की तरफ से मुंबई भेजा जा रहा था. हालांकि कोरियर कंपनी को इसे सड़क के रास्ते भेजना था, लेकिन क्लर्क की गलती के चलते यह एयर कार्गो में चला गया है. दंपती को दो बार मिसकैरेज हो चुका है. उसका कारण जानकर तीसरी बार पहले ही इलाज में सावधानी बरतने के लिए इस भ्रूण की जांच कराई जानी थी.
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लखनऊ एयरपोर्ट पर स्कैनिंग में मिला इंसानी भ्रूण, कोरियर से भेजा जा रहा था मुंबई, जानें पूरी बात