Purple Officers: आप सेना, नौसेना और वायु सेना या उसके अधिकारियों के बारें जानते होंगे, लेकिन क्या आपको पर्पल अधिकारियों की जानकारी है. ये कौन हैं. कौन सी सेना में काम करते हैं और किस काम के लिए इन्हें ट्रेनिंग दी गई है. दरअसल तीनों सेनाओं को मिलाकर एक पर्पल ऑफिसर टीम तैयार की गई है. हाल ही में पर्पल ऑफिसर के पहले बैच ने तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के वेलिंगटन में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर ली है. यह भारत का पहला बैच है, जिसमें 40 अधिकारी शामिल हैं.
तीनों सेनाओं से मिलाकर बनाई गई है ये विशेष टीम
भारत की पर्पल ऑफिसर टीम में तीनाओं सेनाओं से उच्च अधिकारियों को शामिल किया गया है. ये संयुक्त अभियानों में प्रशिक्षित सैन्य कर्मी होते हैं, जो अंतर-सेवा समन्वय को बढ़ावा देते हैं. वे सशस्त्र बलों की कम से कम दो शाखाओं की ताकत को जोड़ते हुए "संयुक्तता" में विशेष प्रशिक्षण दिए गये हैं. "पर्पल अधिकारियों" के पहले बैच में 40 अधिकारी शामिल हैं. इनमें सेना से 20 और नौसेना और वायु सेना से 10 10 अधिकारियेां को लिया गया है. इसमें अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूके और ऑस्ट्रेलिया के चार अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों ने भी भाग लिया, जिन्होंने भारतीय अधिकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए संयुक्त अभियानों के अपने अनुभव साझा किए हैं.
विशेष रूप से दिया गया 40 अधिकारियों को प्रशिक्षण
विशेष रूप से प्रशिक्षित 40 अधिकारियों ने संयुक्त अंडमान और निकोबार कमान और नई दिल्ली में एकीकृत रक्षा स्टाफ (IDS) सहित प्रमुख रक्षा प्रतिष्ठानों का दौरा किया. वे समुद्री नियंत्रण केंद्र में भी रुके, यहां उन्हें संयुक्त अभियानों से संबंधित रसद, खुफिया जानकारी और साइबर सुरक्षा पर जानकारी मिली. अपने उन्नत प्रशिक्षण के बावजूद, अधिकारी वर्तमान में एकीकृत प्रणाली की कमी के कारण शुरू में पारंपरिक भूमिकाएँ निभाएंगे. अनजान लोगों के लिए, अंडमान और निकोबार कमान भारत की एकमात्र परिचालन संयुक्त सेवा कमान है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य अभियानों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह सरकार की 'एक्ट ईस्ट' नीति को पोषित करने में महत्वपूर्ण रहा है. और प्रधानमंत्री के क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (SAGAR) के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
AI और टेक्नोलॉजी को जानकर दुश्मन को टक्कर देगी ये टीम
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मानव रहित प्रणाली और AI जैसी उभरती हुई टेक्नोलॉजी युद्ध के तरीकों को बदल रही हैं. इससे स्वायत्त युद्ध का युग शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध पारंपरिक भूमि, समुद्र और हवाई युद्धक्षेत्रों से आगे तक फैला हुआ है, जिसके लिए सशस्त्र बलों को साइबर, अंतरिक्ष और सूचना युद्ध सहित कई डोमेन में मिलकर काम करने की जरूरत है. ये पारंपरिक अभियानों की तरह ही महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि "भविष्य के युद्धों के लिए सक्षम और प्रासंगिक बने रहने के लिए, हमें अपने सशस्त्र बलों के परिवर्तन को सख्ती से आगे बढ़ाने की जरूरत है. खतरों और युद्ध लड़ने के तरीकों में बदलाव करना होगा.
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कौन हैं 'Purple Officers', सेना, नौसेना, वायुसेना से कैसे है अलग, जानें A से लेकर Z तक इनके बारे में पूरी जानकारी