डीएनए हिंदी: काम में लापरवाही बरतने को लेकर भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अपने अधिकारियों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. रेलवे ने बुधवार को 19 सीनियर अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने पहले अधिकारियों से साफ कह दिया था कि काम करो या घर बैठो.
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने खराब प्रदर्शन करने वाले और अक्षम अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी सेवकों की समय समीक्षा के तहत केंद्रीय सिविल सेवा (CCS) पेंशन नियम, 1972 की धारा 56(J)/(I), नियम 48 के तहत इन 19 अधिकारियों पर कार्रवाई की है. इनमें 10 ज्वाइंट सेक्रेटरी (Joint Secretary) स्तर के अधिकारी बताए जा रहे हैं. ये सभी अधिकारी पूर्वी रेलवे, पश्चिमी रेलवे, मध्य रेलवे, दक्षिण पश्चिमी रेलवे, एमसीएफ, सीएलडब्ल्यू, नॉर्थ फ्रंट रेलवे, डीएलडब्ल्यू, उत्तर मध्य रेलवे, आरडीएसओ, ईडी सेल का सेलेक्शन ग्रेट और उत्तर रेलवे में विभिन्न पदों पर तैनात थे.
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11 महीने में 96 अफसरों की छुट्टी
आपको बता दें कि अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwani Vaishnav) के केंद्रीय रेल मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद से अब तक 77 अधिकारियों को वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति) लेने के लिए बाध्य किया गया है. सूत्रों के अनुसार, पिछले 11 महीने में 96 अधिकारियों को VRS दिया गया है. इनमें महाप्रबंधक और सचिव जैसे सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं.
इस नियम के तहत समय से पहले किए जा सकते हैं रिटायर
मूलभूत नियमावली (FR) और सीसीएस (CCS) पेंशन नियमावली 1972 में समयपूर्व रिटायर से जुड़े प्रावधानों के तहत उपयुक्त प्राधिकार को किसी सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत करने का पूर्ण अधिकार है, यदि ऐसा करना जनहित में जरूरी है तो. इस नियम के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी को कम से कम 3 महीने का नोटिस देकर या इस अवधि का वेतन देकर रियाटर किया जा सकता है. इससे पहले 2019 में भी 50 साल से अधिक उम्र के 32 कर्मचारियों को समय से पहले रिटायर कर दिया गया था.
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Indian Railway ने क्यों एक साथ 19 बड़े अधिकारियों को किया बर्खास्त?