Ashwini Vaishnaw on Indian AI System: संचार से लेकर कम्युनिकेशन तक, रोजमर्रा की जिंदगी के कामों तक, हर जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से अपनी घुसपैठ बना रही है. अमेरिका से लेकर चीन, रूस और जापान तक, हर देश AI फील्ड में खुद को ज्यादा से ज्यादा एडवांस बनाने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी ChatGPT के बाद अब चीनी DeepSeek R1 भी आ गया है. ऐसे में भारत ने भी अपना AI सिस्टम बनाने की तैयारी कर ली है ताकि इस फील्ड में भी दुनिया के बाकी देशों को टक्कर दी जा सके. इसकी घोषणा केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को की और कहा कि भारत फंडामेंटल AI Large Lanuage Model (LLM) तैयार करेगा, जो AI चैटबॅाट्स को चलाने के लिए एक करेंसी की तरह यूज होता है. यह ऐसा AI सिस्टम होगा, जो भारतीय भाषाओं, संस्कृति और यहां की जरूरतों को समझता हो.
10 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
आईटी मंत्री वैष्णव ने कहा,'अब AI फील्ड में भी भारत दूसरे देशों पर निर्भर रहने के बजाय अपना सिस्टम बनाने की तैयारी कर रहा है. यह सिस्टम पूरी तरह पक्षपात से मुक्त होगा और देश की विविधता को सही तौर पर दिखा सकेगा.' उन्होंने कहा,' इसके लिए भारत ने इंडिया AI Mission के तहत अपना घरेलू बड़ा एआई मॉडल बनाने का फैसला लिया है. यह मिशन 10,370 करोड़ रुपये का है. इसके तहत भारत फंडामेंटल AI Large Lanuage मॅाडल आने वाले दिनों में तैयार करेगा.'
10 कंपनियों को किया है चयनित
वैष्णव ने कहा,'सरकार ने 10 कंपनियों का भी चयन किया है, जिनमें हीरानंदानी ग्रुप की योटा, जियो प्लेटफॉर्म, टाटा कम्युनिकेशंस, ई2ई नेटवर्क, सीएमएस कंप्यूटर, सीटीआरएलएस डेटासेंटर, लोकुज एंटरप्राइज सॉल्यूशंस, नेक्स्टजेन डेटासेंटर, ओरिएंट टेक्नोलॉजीज और वेन्सिस्को टेक्नोलॉजी शामिल हैं. ये कंपनियां कॉमन कंप्यूटिंग सुविधा के तहत 18,693 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) तैनात करेंगी. सरकार अगले कुछ दिनों में स्टार्टअप्स और रिसर्चर्स को कंप्यूटिंग पॉवर का उपयोग देने के लिए एक कॉमन कंप्यूट सुविधा शुरू करेगी. इसके लिए ही 18,693 GPU को पैनल में शामिल करने की मंजूरी दी गई है. इनमें से लगभग 10,000 GPU स्थापित करने की तैयारी हो चुकी है. सरकार कुल कीमत पर इसके लिए 40% सब्सिडी दे रही है.
डेढ़ साल से चल रहा है काम
वैष्णव ने बताया कि फंडामेंटल मॉडल बनाने के लिए पिछले डेढ़ साल से काम चल रहा है, जिसमें सरकार की टीमें प्रोफेसरों, रिसर्चर्स और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर काम कर रही हैं. सरकार फंडामेंटल मॉडल डेवलप करने के लिए 6 डेवलपर्स के कॉन्टेक्ट में है. अगले 4 से 6 महीनों में हमारे पास अपना विश्व स्तरीय फंडामेंटल मॉडल होगा.
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