गलत सूचना के हमले कापर्दाफाश करते हुए भारत ने अपने पड़ोसी द्वारा फैलाए गए झूठ की झड़ी लगा दी है, और दिलचस्प ये कि यह सब ठीक उस वक़्त हो रहा है जब दोनों ही देश युद्ध के कगार पर हैं. महज चार दिनों के अंतराल में पाकिस्तान ने भारतीय सीमावर्ती शहरों की ओर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागीं- साथ ही एक आक्रामक और समन्वित गलत सूचना अभियान चलाया जिसका उद्देश्य अपनी खुद की कहानी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना और भारत को बदनाम करना था.
भारत की एस-400 मिसाइल प्रणाली के विनाश के बारे में मनगढ़ंत दावों से लेकर अफगान धरती पर हमलों और धार्मिक स्थलों पर हमलों के निराधार आरोपों तक, वास्तविकता को फिर से लिखने की पाकिस्तान की कोशिशें तब धराशायी हो गईं, जब भारत ने हर आरोप का ठोस, समय-मुद्रित सबूतों-फोटो, वीडियो और जमीनी आकलन के साथ जवाब दिया.
जबकि पाकिस्तान ने सैन्य कौशल और नैतिक उच्च भूमि की झूठी छवि पेश करने की कोशिश की, तथ्यों के बोझ तले उसका कथानक ढह गया, जिससे वह कूटनीतिक रूप से घिर गया और वैश्विक रूप से एक बार फिर शर्मिंदा हुआ.
पाकिस्तान के झूठ और क्या है उनके पीछे की सच्चाई
एस-400 को नुकसान पहुंचाया गया
पाकिस्तान के अधिकारियों और समाचार साइटों ने दावा किया कि उनके सशस्त्र बलों ने भारत की एस-400 मिसाइल प्रणाली को नुकसान पहुंचाया, जबकि भारत के सशस्त्र बलों ने इस दावे को सिरे से नकार दिया.
सूचना पर भारत का पक्ष रखते हुए विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि, 'जैसा कि हमने पिछले कुछ दिनों में देखा है, पाकिस्तान द्वारा गलत सूचना अभियान फैलाने के कई प्रयास किए गए. यह कहने का प्रयास किया गया कि उत्तरी बेस पर हमारे एस-400 को नष्ट कर दिया गया, जो पूरी तरह से झूठ है और यह कि इसे जेएफ-17 द्वारा नष्ट किया गया.'
ब्रह्मोस भंडारण स्थल पर किया अटैक, पहुंचाया उसे नुकसान
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके सशस्त्र बलों ने 'बुनयान-उन-मर्सूस' नामक अपने जवाबी अभियान के तहत 'सामान्य क्षेत्र ब्यास' में ब्रह्मोस मिसाइल भंडारण स्थल को नष्ट कर दिया है. भारत ने इन दावों को 'दुर्भावनापूर्ण गलत सूचना अभियान' का हिस्सा बताते हुए दृढ़ता से खारिज कर दिया.
एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान का अपने JF-17 विमान से भारत के ब्रह्मोस मिसाइल बेस को नुकसान पहुंचाने का दावा 'पूरी तरह से गलत' है.
सरकार ने दिनांकित तस्वीरों सहित दृश्य साक्ष्य भी प्रस्तुत किए, ताकि यह दिखाया जा सके कि पाकिस्तान द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए प्रमुख भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान, जिनमें हवाई क्षेत्र भी शामिल हैं, बरकरार हैं.
उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, यह कि ब्रह्मोस प्रतिष्ठान पर हमला किया गया और उसे नष्ट कर दिया गया, यह झूठ है.'
भारत के हवाई क्षेत्रों को क्षतिग्रस्त करने की अफवाह उड़ाई पाकिस्तान ने
पाकिस्तान ने दावा किया कि जम्मू, पठानकोट, बटिंडा, नलिया और भुज में भारत के हवाई क्षेत्र को निशाना बनाया गया. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस दावे को आधिकारिक तौर पर खारिज कर दिया गया.
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, 'यह गलत सूचना भी पूरी तरह से झूठी है. तीसरा, पाकिस्तान के गलत सूचना अभियान के अनुसार, चंडीगढ़ और ब्यास में हमारे गोला-बारूद के भंडार क्षतिग्रस्त हो गए - यह भी पूरी तरह से गलत है. हमने सुबह की ब्रीफिंग के दौरान तथ्यों और आंकड़ों के साथ आपके साथ साझा किया था कि ये सभी सुविधाएं पूरी तरह से बरकरार हैं.'
मस्जिदों को निशाना बना रहा है भारत
पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर और मुरीदके में मस्जिदों को जानबूझकर निशाना बनाया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इन आरोपों को दोहराते हुए कहा कि भारत ड्रोन और मिसाइल हमलों से मस्जिदों को निशाना बना रहा है.
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान के झूठ को उजागर करते हुए कहा कि, 'पाकिस्तान मनगढ़ंत आरोप फैला रहा है कि भारतीय सशस्त्र बलों ने मस्जिदों को निशाना बनाया है.
हम यह स्पष्ट कर दें, भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, और भारतीय सशस्त्र बल हमारे संवैधानिक मूल्यों का प्रतिबिंब हैं. हम सभी धर्मों के हर पूजा स्थल को सर्वोच्च सम्मान देते हैं. हमारे ऑपरेशनों का लक्ष्य विशेष रूप से आतंकवादी शिविरों और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सुविधाओं को निशाना बनाना है. किसी भी धार्मिक स्थल - मैं दोहराती हूं - किसी भी धार्मिक स्थल को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा निशाना नहीं बनाया गया है.
गुरुद्वारे पर किया भारत ने हमला
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने झूठा दावा किया कि एक भारतीय ड्रोन ने सिख समुदाय के पवित्र स्थल ननकाना साहिब को निशाना बनाने की कोशिश की.
चौधरी ने कहा, 'हमने आज देखा, उन्होंने एक ड्रोन को ननकाना साहिब की ओर भेजा, जिसे हमने मार गिराया.'
मिसरी ने इसे 'सरासर झूठ' बताया और कहा, 'यह फिर से एक और सरासर झूठ है और पाकिस्तान के दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है. जैसा कि हमने पहलगाम हमले में देखा, पाकिस्तान फिर से विवाद पैदा करने के इरादे से स्थिति को सांप्रदायिक रंग देने की बेतहाशा कोशिश कर रहा है.'
भारतीय मिसाइल ने अफ़गानिस्तान पर किया हमला
पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने एक प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान दावा किया कि भारतीय मिसाइलों ने अफ़गानिस्तान पर हमला किया है.
विदेश सचिव मिसरी ने कहा, 'यह पूरी तरह से बेबुनियाद आरोप है. मैं सिर्फ़ यह बताना चाहता हूं कि अफ़गान लोगों को यह याद दिलाने की ज़रूरत नहीं है कि यह कौन सा देश है जिसने पिछले डेढ़ साल में कई मौकों पर अफ़गानिस्तान में नागरिक बुनियादी ढांचे और आबादी को निशाना बनाया है.'
अफ़गानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह ख़वारिज़्मी ने भी पाकिस्तान के दावे का खंडन किया. हुर्रियत रेडियो से बात करते हुए ख़वारिज़्मी ने कहा कि ऐसे आरोपों की कोई विश्वसनीयता नहीं है. उन्होंने कहा, 'ऐसे दावों में कोई सच्चाई नहीं है.'
खुद को ही निशाना बनाता रहा है भारत
पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय सशस्त्र बल ही उसके अमृतसर जैसे शहरों को निशाना बना रहे थे और हमलों के लिए इस्लामाबाद को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे थे.भारत ने इन दावों का जोरदार खंडन किया और उन्हें 'पागलपन भरी कल्पना' कहा.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अपने ही शहरों पर हमला करने जैसा कृत्य 'केवल पाकिस्तानी राज्य ही कर सकता है.'
आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए मिस्री ने कहा कि,'इन हमलों को स्वीकार करने के बजाय, पाकिस्तान ने यह बेतुका और अपमानजनक दावा किया कि भारतीय सशस्त्र बल और भारतीय वायु सेना ही अमृतसर जैसे शहरों को निशाना बना रहे थे और पाकिस्तान पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे थे. यह पाकिस्तान द्वारा अपने आक्रामक कृत्यों से इनकार करने के अलावा और कुछ नहीं है; लेकिन यह दुनिया को धोखा देने और गुमराह करने के अपने प्रयासों में भी सच है। यह सफल नहीं होगा.'
उन्होंने कहा, 'हम अपने ही शहरों पर हमला करेंगे' यह एक ऐसी विक्षिप्त कल्पना है जो केवल पाकिस्तानी राज्य ही कर सकता है. शायद वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे इस तरह की कार्रवाई करने में पारंगत हैं, जैसा कि उनका इतिहास दर्शाता है.'
भारत के एयरबेस को नुकसान
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, 'पाकिस्तान के गलत सूचना अभियान के अनुसार, चंडीगढ़ और ब्यास में हमारे गोला-बारूद के भंडार क्षतिग्रस्त हो गए - यह भी पूरी तरह से गलत है.'
विदेश मंत्रालय ने समय-चिह्नित फोटोग्राफिक और वीडियो साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसमें दिखाया गया कि सिरसा और सूरतगढ़ सहित संबंधित एयरबेस पूरी तरह से चालू थे, जबकि यह स्वीकार किया कि उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज सहित इसके कुछ एयरबेस को पाकिस्तान ने उच्च गति वाली मिसाइलों से निशाना बनाया था, लेकिन उपकरणों और कर्मियों को सीमित नुकसान हुआ क्योंकि भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने कई खतरों को सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया था.
विशेष रूप से, भारत और पाकिस्तान चार दिनों की सीमा पार गोलीबारी के बाद युद्ध विराम पर सहमत हुए, जिसने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर पहुंचा दिया. दोनों पक्षों ने दावा किया कि वे किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं, भारत ने दोहराया कि वह युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन किसी भी वृद्धि के प्रयासों का दृढ़ता से जवाब देगा.
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