डीएनए हिंदी: भारत में बरसात आते ही नदियों में बाढ़ आना आम बात है. इसी के साथ भूकंप, तेज बारिश, ओलावृष्टि, तूफान, चक्रवात, भूस्खलन, हिमस्खलन, बिजली गिरना, वनों में आग लगने जैसी अनेक प्राकृतिक आपदाएं हर साल भारत में दस्तक देती रहती हैं. ये आपदाएं हर साल भारी तबाही मचाती हैं, साथ ही  देश की GDP पर भी बड़ा असर डालती हैं . सदी की शुरुआत से लेकर अब तक आपदाओं की संख्या में दुनिया भर में अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे नंबर पर है. 

आप जानकर हैरान होंगे कि भारत को हर साल प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 6 खरब से ज्यादा की कीमत चुकानी पड़ती है. दुनिया में प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान पर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुदरती हादसों की वजह से भारत को सालाना लगभग  9.8 अरब डॉलर यानि करीब 6.33 खरब का नुकसान होता है. हाल ही में, भारत में प्राकृतिक आपदाओं  विशेषकर चक्रवातों की तीव्रता और फ्रीक्वेंसी  में कई गुना वृद्धि हुई है. पश्चिमी तट (महाराष्ट्र, गुजरात) में चक्रवातों की आवृत्ति बढ़ रही है, जो पहले कभी नहीं देखी गई थी . 

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दुनियाभर में आपदाएं सालाना 24 मिलियन लोगों को गरीबी में धकेलती हैं
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की एशिया 2020 की रिपोर्ट में स्टेट ऑफ द क्लाइमेट (SoC) के अनुसार भारत को साल 2020 में प्राकृतिक आपदाओं के कारण  लगभग 87 बिलियन अमेरिकी डॉलर का औसत वार्षिक नुकसान हुआ . वहीं इन घटनाओं की वजह से पिछले एक साल में हजारों लोगों ने अपनी  जान गंवाई है. लाखों लोगों को विस्थापित किया है और इसके प्रभाव के कारण देश को सैकड़ों डॉलर खर्च करने पड़े हैं. वही  विश्व बैंक का अनुमान है कि दुनियाभर में वार्षिक आपदा नुकसान पहले से ही 520 अरब डॉलर के करीब है और आपदाएं सालाना 24 मिलियन लोगों को गरीबी में धकेलती हैं.

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भारत में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाला नुकसान GDP का 6% है 
SBI की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सन् 1900 के बाद से प्राकृतिक आपदाओं (भूस्खलन, तूफान, भूकंप, बाढ़, सूखा, आदि) के 756 मामले दर्ज किए गए. वहीं  सन् 1900-2000 के दौरान 402 घटनाएं और 2001-2021 के दौरान 354 ऐसी घटनाएं भारत में हुई हैं. 2001 से अब तक कुल 100 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और इन आपदाओं के कारण लगभग 83,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. यदि घाटे को मौजूदा कीमतों के साथ जोड़ा जाए तो ये घाटा 13 लाख करोड़ रुपये यानी भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP का 6% है. 

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देश की भौगोलिक स्थिति के कारण आती हैं प्राकृतिक आपदाएं
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण देश के  में कुल भूमि का लगभग 12% हिस्सा बाढ़ के संपर्क में रहता है. वहीं 68% सूखा, भूस्खलन और हिमस्खलन की चपेट में है और  58.6% भूभाग में भूकंप की संभावना सबसे ज्यादा है . यही प्रमुख कारण है कि भारत को हर साल कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है.

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प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारत को हर साल होता है भारी नुकसान ,जानें कैसे इन आपदाओ
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प्राकृतिक आपदाओं के कारण देश को हर साल होता है भारी नुकसान, जानें कैसे प्रभावित होती है GDP