डीएनए हिंदी: Holi 2022 का नाम सुनते ही हमारी आंखों के सामने लाल-पीले गुलाल और पकवानों की तस्वीरें घूमने लगती हैं. इस त्योहार में अगर एक दूसरे पर रंग ही न फेंका तो क्या किया लेकिन धीरे-धीरे लोग रंगों से दूर होते जा रहे हैं. यह सब मार्केट में मिलने वाले मिलावटी रंगों की वजह से हो रहा है. दिखने में चमकीले ये रंग केमिकल वाले होते हैं और हमारी स्किन को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं. अब खरीदार भी क्या करें, कैसे पहचानें कि कौन सा रंग असली और शुद्ध है और कौनसा मिलावटी ? अगर आप भी इस समस्या से घिरे रहते हैं तो चिंता की कोई बात नहीं होली के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि असली और नकली रंग में आप किस तरह अंतर कर सकते हैं.
कैसे करें असली-नकली में फर्क
1- रंग खरीदते वक्त उसे सूंघकर देखें. अगर उसमें किसी केमिकल या पेट्रोल की गंध आती है तो उसे तुरंत छोड़ दें. किसी भी तरह की गंध उसमें मिले केमिकल की पहचान हो सकती है. आमतौर पर हर्बल रंगों में खुशबू होती है अगर खुशबू न हो तो कोई गंध नहीं होता लेकिन ये केमिकल से अलग होते हैं.
2- रंग खरीदते वक्त आप थोड़ा सा रंग पानी में घोल कर देखें. अगर रंग पानी में नहीं घुलता तो इसका मतलब है कि उसमें केमिकल हो सकता है. ऐसे रंगों को न खरीदें.
3- रंग खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चमकीले कण न हों. नैचुरल रंग में ऐसे कण नहीं होते और वे मिलावटी रंगों की तरह चटख भी नहीं होते.
घर पर कैसे बनाएं ऑर्गैनिक रंग ?
1- बेसन और हल्दी को मिलाकर पीला रंग तैयार कर सकते हैं.
2- चुकुंदर को कस कर उसे पानी में डाल लें. ऐसा गाढ़ा लाल रंग तैयार होगा कि गुलाल फेल हो जाए.
3- गुलाबों की पत्तियां सुखाकर रख लें. इनके पाउडर से भी आप खुशबूदार होली खेल सकते हैं.
4- आप चंदन के पाउडर में हल्दी मिलाकर भी नैचुरल होली खेल सकते हैं.
बता दें कि पुराने समय में होली पर इस्तेमाल होने वाले रंग हल्दी, चंदन, गुलाब और टेसू के फूल से बनाये जाते थे लेकिन अब बाजार में धड़ल्ले से केमिकल रंग बेचे जाते हैं जो कि हमारी त्वचा, बालों और आंखों के लिए नुकसानदायक होते हैं. आज बाजार में हर्बल के लेबल के साथ तरह-तरह के रंग मिल रहे हैं तो आप गलत खरीदारी करने से पहले ये ट्रिक्स ध्यान में रखें सही फैसला लें.
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Holi 2022: ऐसे करें Herbal और Chemical गुलाल की पहचान, गलत खरीदारी करेगी नुकसान