डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) की सियासत मराठी मानुष (Marathi Manush) के इर्द-गिर्द घूमती रही है. मराठी भाषा और मराठी संस्कृति को लेकर शिवसैनिक हमेशा से कट्टर रहे हैं. अब ऐसा लग रहा है कि शिवसेना की सियासत बदल रही है. भले ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, अपने आधिकारिक भाषणों भी मराठी में देते हों लेकिन उनके सबसे करीबी संजय राउत (Sanjay Raut) के सुर बदल गए हैं.
शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को एक देश, एक भाषा की वकालत की. उन्होंने कहा कि हिंदी पूरे भारत में बोली जाती है और उसकी स्वीकार्यता भी है. संजय राउत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह को यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए कि सभी राज्यों में एक भाषा हो.
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हिंदी को अपनाने के लिए तैयार नहीं दक्षिणी राज्य!
संजय राउत की यह टिप्पणी तब आई है, जब करीब एक महीने पहले अमित शाह ने कहा था कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए, न कि स्थानीय भाषाओं के विकल्प के तौर पर. उनके इस बयान का दक्षिणी राज्यों में कई प्रतिष्ठित नेताओं ने विरोध किया था.
संजय राउत ने क्यों की हिंदी की वकालत?
संजय राउत की यह टिप्पणी तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी से जुड़े एक सवाल के जवाब में आई है, जिन्होंने एक दिन पहले हिंदी को कथित तौर पर थोपने की किसी भी कोशिश की निंदा की थी और उन दावों पर सवाल उठाए थे कि इस भाषा को सीखने से रोजगार मिलेगा.
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हिंदी सीखने वालों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होने का दावा करने वालों पर निशाना साधते हुए पोनमुडी ने पूछा था कि अभी कोयंबटूर में 'पानी पुरी' कौन लोग बेच रहे हैं. उनका इशारा साफ तौर पर इससे जुड़े हिंदी भाषी दुकानदारों की ओर था.
मेरी पार्टी हमेशा करती है हिंदी का सम्मान
तमिलनाडु के मंत्री की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा हिंदी का सम्मान किया है. शिवसेना नेता ने कहा, 'मुझे सदन में जब भी मौका मिलता है, मैं हिंदी में बोलता हूं, क्योंकि देश को सुनना चाहिए कि मैं क्या कहना चाहता हूं, यह राष्ट्र की भाषा है. हिंदी इकलौती भाषा है, जिसकी स्वीकार्यता है और पूरे देश में इसे बोला जाता है.'
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एक देश, एक संविधान और एक भाषा पर संजय राउत का जोर
संजय राउत ने यह भी कहा कि हिंदी फिल्म उद्योग देश-दुनिया में गहरा प्रभाव रखता है. इसलिए किसी भी भाषा का अपमान नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा,'केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए कि सभी राज्यों में एक भाषा हो. एक देश, एक संविधान, एक निशान और एक भाषा होनी चाहिए.' (भाषा इनपुट के साथ)
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संजय राउत के बदले बोल, एक-देश, एक भाषा की करने लगे मांग, गृहमंत्री अमित शाह से की ये खास अपील