डीएनए हिंदी: विशाखापट्टनम के नरसीपट्टनम क्षेत्र में बिजली गुल होने के कारण एक महिला को एनटीआर सरकारी अस्पताल में सेल फोन, टॉर्च और मोमबत्तियों की रोशनी में बच्चे को जन्म देना पड़ा. यह घटना बुधवार 6 अप्रैल को एनटीआर सरकारी अस्पताल में हुई, जिसमें लगभग आठ घंटे तक बिजली कटौती हुई. शुक्रवार को मामला प्रकाश में आया. अनकापल्ले के नवगठित जिले के क्षेत्र में स्थित अस्पताल पिछले दो दिनों से लंबे समय से बिजली कटौती का सामना कर रहा है. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है. वीडियो में नवजात बच्चे के साथ मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में बैठी एक महिला को दिखाया गया है.
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स्टाफ ने कृष्णदेवीपता महिला के परिचारकों को अधिक से अधिक रोशनी की व्यवस्था करने के लिए कहा था. महिला के पति ने कहा, उन्होंने मुझे आधी रात के दौरान मोमबत्तियां लाने और अधिक से अधिक सेलफोन और टॉर्च की रोशनी की व्यवस्था करने के लिए कहा. अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा, महिला पहले से ही प्रसव पीड़ा का अनुभव कर रही थी, तब रखरखाव के अभाव में अस्पताल का जनरेटर भी खराब हो गया था इसलिए हमारे पास महिला के परिजनों से लाइट की व्यवस्था करने के लिए कहने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था.
#AndhraPradesh: With no electricity at NTR Govt hospital, #Narsipatnam for hours, doctors had to perform delivery under cell phone lights and candles. Pregnant woman at gyneac ward had to sit under the candle lights. @CoreenaSuares2 @NewsMeter_In @AndhraPradeshCM pic.twitter.com/YJThvRfjUq
— SriLakshmi Muttevi (@SriLakshmi_10) April 7, 2022
नर्क जैसा नजारा
जहां बिजली कटौती ने अस्पताल में कई मरीजों को प्रभावित किया, वहीं अन्य वीडियो में लोगों को अपने हाथों से पंखा करते हुए दिखाया गया. एक मरीज के एक परिजन ने कहा, यह इतना बड़ा अस्पताल है लेकिन इसमें कोई सुविधा नहीं है. ऐसा लगता है कि जनरेटर भी टूट गया. यह बिना वेंटिलेशन और बहुत सारे मच्छरों के अंदर नर्क जैसा है. न्यूनतम सुविधाएं भी नहीं हैं.
हालांकि अधिकारियों का कहना था कि अस्पताल ने कुछ घंटों के लिए डीजल इन्वर्टर जनरेटर पर काम किया. काफी देर तक रुकने के बाद वह टूट गया. डीजल भी नहीं मिल रहा था. इसलिए कुछ देर तक बिजली नहीं रही. इसके बावजूद वे डिलीवरी को पूरा करने में कामयाब रहे क्योंकि उनके पास और कुछ नहीं था जो वे कर सकते थे. 7 अप्रैल को विशाखापत्तनम के तकनीशियनों ने दौरा किया और जनरेटर को ठीक किया.
ఆంధ్రప్రదేశ్ రాష్ట్రం చీకట్లోకి వెళ్లిపోయింది. తీవ్రమైన విద్యుత్ కోతలతో జనం నరకం చూస్తున్నారు. గ్రామాల్లో అనధికార పవర్ కట్ లతో ప్రజలు అల్లాడిపోతున్నారు. విద్యుత్ సరఫరా లేక ప్రసూతి ఆసుపత్రిలో గర్భిణీ స్త్రీలు, బాలింతలు పడుతున్న బాధలకు ఈ ముఖ్యమంత్రి ఏం సమాధానం చెపుతారు?(1/3) pic.twitter.com/yQW24jmnaz
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) April 7, 2022
विपक्ष का निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू सहित विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के कई सदस्यों ने इस मुद्दे को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. ट्वीट्स की एक सीरीज में नायडू ने अस्पताल से एक वीडियो साझा किया और कहा, आंध्र प्रदेश राज्य अंधेरे में चला गया है. लोगों को भारी बिजली कटौती से नर्क का नजारा देखने को मिल रहा है. अनाधिकृत बिजली कटौती से गांवों में लोगों को परेशान किया जा रहा है. प्रसूति अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं और प्रसवोत्तर महिलाओं की दुर्दशा पर मुख्यमंत्री की क्या प्रतिक्रिया है?
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नायडू के बेटे और टीडीपी एमएलसी नारा लोकेश ने भी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने अमरावती के तडेपल्ली में क्षेत्रों का दौरा किया और निवासियों को हाथ पंखे और मोमबत्तियां वितरित कीं. पिछले हफ्ते ही आंध्र प्रदेश में विपक्षी दलों ने गुरुवार 31 मार्च को मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा घोषित बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया.
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