Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के मतदान के बीच शनिवार को एक ऐसा बयान सामने आया है, जिसने कांग्रेस के सीनियर नेताओं के बीच मतभेद की स्थिति को फिर से जाहिर कर दिया है. कैथल विधानसभा सीट के पोलिंग बूथ पर पहुंचे कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर दी. सुरजेवाला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो ऐसा नहीं है कि वे सरकार के मुखिया नहीं बनना चाहते. मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखना गलत नहीं है. हालांकि सुरजेवाला ने अगले ही पल यह कहकर माहौल पलटने की भी कोशिश की कि फाइनल फैसला मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे, लेकिन फिलहाल उनके इस बयान को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. इसे यह संकेत माना जा रहा है कि यदि कांग्रेस जीती तो मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी में अंदरूनी तौर पर जमकर सिर-फुटव्वल होने जा रही है.

खुद चुनाव नहीं लड़े हैं इस बार सुरजेवाला

रणदीप सिंह सुरजेवाला इस बार खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने अपने बेटे आदित्य सुरजेवाला को कैथल सीट से उतारा है, जो सुरजेवाला परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है. इस सीट पर रणदीप सिंह सुरजेवाला से पहले उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला उतरते रहे हैं. रणदीप सिंह खुद इस सीट पर 2005, 2009 और 2014 में लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीते थे, लेकिन 2019 में उन्हें भाजपा के लीला राम ने नजदीकी अंतर से हरा दिया था. भाजपा ने इस बार भी लीला राम को ही उम्मीदवार बनाया है, जो इस सीट पर साल 2000 में भी इनेलो के टिकट पर विजेता रह चुके हैं. 

क्या बोले हैं वोट डालते समय सुरजेवाला

रणदीप सिंह सुरजेवाला शनिवार को कैथल सीट पर अपना वोट डालने के लिए पहुंचे थे. पोलिंग बूथ के बाहर जब उनसे चुनाव नहीं लड़ने से क्या मुख्यमंत्री पद के दावे से पीछे हटने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने उसका जवाब दिया. उन्होंने कहा,'चुनाव नहीं लड़ने का मतलब सरकार चलाने की इच्छा नहीं होना नहीं है. हरियाणा में बदलाव और किसानों के लिए खुशहाली का विजन मुख्यमंत्री के पास होना चाहिए, जो मेरे पास है. मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखना गलत नहीं है. हालांकि पार्टी का अनुशासन निजी इच्छा से बड़ा है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे मुख्यमंत्री पद का फैसला करेंगे. मैं भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा व अन्य सभी साथियों की तरफ से कह रहा हूं कि वो फैसला सबको मंजूर होगा. मेरी पहली प्राथमिकता कैथल का विकास है. हरियाणा में इस बार क्रांतिकारी परिवर्तन होने जा रहा है.'

सैलजा और हुड्डा के बीच प्रचार में भी दिखी थी तनातनी

हरियाणा में इस बार कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है. 10 साल से सत्ता में मौजूद भाजपा के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी मानी जा रही है, जिसका लाभ कांग्रेस को मिलने की संभावना है. इसके बावजूद पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं कर पाई थी. इसका कारण वरिष्ठ नेताओं के बीच इस पद के लिए खींचतान माना गया था. सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा के बीच तनातनी को लेकर मानी गई थी. इसे लेकर भाजपा नेताओं ने भी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था. अब सुरजेवाला के बयान से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि यह खींचतान चुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ने वाली है.

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Haryana Assembly Elections 2024 randeep surjewala indicate congress Inner differences over cm face amid voting
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'चुनाव नहीं लड़ा तो…' हरियाणा में चल रही पोलिंग के बीच क्या संकेत दे गए सुरजेवाल
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Kaithal Seat पर परिवार के साथ वोट डालने पहुंचे Randeep Singh Surjewala.
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Kaithal Seat पर परिवार के साथ वोट डालने पहुंचे Randeep Singh Surjewala.

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'चुनाव नहीं लड़ा तो…' हरियाणा में चल रही पोलिंग के बीच क्या संकेत दे गए सुरजेवाला?

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