डीएनए हिंदी: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 23 किमी लंबे लोहिया नाले को खूबसूरत बनाने के लिए कमर कस ली है. यह नाला सूख गया था लेकिन इसे फिर से शुरू करने की योजना बन रही है. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी 250 एकड़ में फैले रिवर फ्रंट को भी खूबसूरत बनाने की तैयारी कर रहा है. अधिकारियों के मुताबिक इस रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट में हर तरफ हरियाली का ध्यान रखा जाएगा.
इसमें कुछ जलाशय बनाए जाएंगे, वहीं कुछ जगहों पर एंटरटेनमेंट पार्क डिजाइन किए जाएंगे. इसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट एन्क्लेव बनाने की तैयारी है.
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के CEO रविकुमार एनजी ने कहा, 'इस प्रोजेक्ट की वजह से यह खास बन जाएगा, वहीं बारिश की वजह से जमा हुए पानी को सही तरीके से मैनेज किया जा सकेगा. बारिश का पानी अक्सर, शहर के भीतर जलभराव की वजह बनती है.'
इस प्रोजेक्ट की क्या होगी खासियत?
-ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में एंटरटेनमेंट एक्टिविटी को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. यहां लोग आएंगे और रिवरफ्रंट का लुत्फ लेंगे. लोहिया नाले का विस्तार किया जाएगा, जिसके बाद इसे खूबसूरत बनाने पर जोर दिया जाएगा.
-इन जगहों पर हरियाली का खास ख्याल रखा जाएगा. जगह-जगह साइकिल ट्रैक और फुटपाथ बनाए जाएंगे. अधिकारियों ने कहा कि पहले से मौजूद साइकिल ट्रैक, वृक्षारोपण और पार्कों के डिजाइन और रखरखाव मानकों में कुछ बदलाव किया जाएगा और उन्हें दुरुस्त किया जाएगा.
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इस वजह से पड़ी बदलाव की जरूरत
सुरजापुर वेटलैंड के पास से निकलने वाले और मोमनाथल में खत्म होने वाले लोहिया नाला इन दिनों कई मुश्किलों से जूझ रहा है. यह कचरे से पट गया है, जिसकी वजह से जगह-जगह जलभराव हो रहा है. पानी का पारिस्थितिक संतुलन भी खतरे में पड़ गया है.
औद्योगिक, आवासीय और खेती के सारे अपशिष्ट इस नाले में गिराए जाते हैं. कुछ जगहों पर यह नाला अतिक्रमण का भी शिकार है. भारी बारिश के दौरान नाले में बाढ़ की आशंका भी बनी रहती है. इससे सड़क के बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सुरक्षा पर भी खतरा मंडराता है.
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यह नाला जलकुंभी और जंगली घास से ढका हुआ है. यह कई जगहों से टूट चुका है, जबकि कई जगहों पर मौजूद मलबे की वजह से इसकी राह रुक गई है. नाले में तमाम तरह की गंदगी भी फेंकी गई है.
बेहतर डिजाइन तैयार करने के लिए लगेगी बोली
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लोहिया ड्रेन के कायाकल्प के लिए बेहतर डिजाइन तय करने का प्रस्ताव तैयार किया है. प्राधिकरण ने इसके लिए जिम्मेदार सलाहकार का चयन करने के लिए एक अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) जारी किया है. आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 6 सितंबर है, वहीं टेक्निकल ऑक्शन 8 सितंबर को तय किया गया है.
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ग्रेटर नोएडा में रिवर फ्रंट बनाने की हो रही तैयारी, जानिए क्या-क्या होगा खास