डीएनए हिंदी: कोविड-19 (Covid-19) महामारी के चलते कंपनियों ने कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) या हाइब्रिड मॉडल अपनाना शुरू कर दिया था. साल 2020 में ये एक अस्थायी उपाय रहा लेकिन अब यह धीरे-धीरे काम करने का नया मॉडल बनता जा रहा है.
वहीं ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते मामलों और तीसरी लहर की आशंका के बीच एक बार फिर वर्क फ्रॉम होम को लेकर चर्चा तेज हो गई है. 31 दिसंबर की शाम को RPG ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उनकी कंपनी ने सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से घर से काम करने को कह दिया है और सभी दफ्तर बंद रहेंगे.
कंपनी के तौर पर ये एक बड़ा एहतियाती कदम है साथ ही कर्मचारियों के लिए भी सुविधाजनक है लेकिन कई बार इस दौरान काम के घंटे और जिम्मेदारी बढ़ जाती है. इसका असर कर्मचारियों के निजी जीवन और स्वास्थ्य के साथ-साथ सैलरी पर भी देखा जा सकता है.
इसी विषमता को दूर करने के लिए सरकार काम कर रही है. सरकार इस बारे में इसी महीने से कंपनियों से भी सलाह लेने जा रही है. भारत सरकार जल्द वर्क फ्रॉम होम को लेकर कानून (Law For Work From Home) बना सकती है. श्रम मंत्रालय सर्विस की शर्तों में बदलाव पर चर्चा कर रहा है.
माना जा रहा है कि वर्क फ्रॉम होम के कानून में 'ड्यूटी आवर' यानी काम करने के घंटे तय किए जा सकते हैं.
इसके अलावा-
- वर्क फ्रॉम होम के दौरान होने वाले बिजली और इंटरनेट जैसे खर्चों के लिए कंपनी कितने पैसे दे, यह भी तय किया जाएगा.
- घर या रिमोट लोकेशन से काम कर रहे कर्मचारियों के अधिकार तय होंगे
- कंपनी की जिम्मेदारी भी स्पष्ट होगी
- कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में कटौती पर विचार किया जाएगा
- इंफ्रास्ट्रक्चर रिम्बर्समेंट कॉस्ट में बढ़ोतरी होगी
- Consultation सेवा देने वाली कंपनियों को ड्राफ्ट के लिए शामिल किया गया है
- दफ्तर और घर दोनों ऑप्शन होंगे
- वर्क फ्रॉम होम चुनने वालों की सेवा शर्तों में बदलाव होगा
(इनपुट- अंबरीश पांडे)
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