डीएनए हिंदी: 2007 के गोरखपुर दंगों में कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और अन्य के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा. यूपी सरकार ने इस मामले में मुकदमा चलाने से मना कर दिया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जांच की मांग की गई. इस मामले में चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीट ने सुनवाई करते हुए 24 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस याचिका को चुनौती दी गई थी, जिसमें एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से योगी के भड़काऊ भाषण की जांच कराने की मांग की गई थी लेकिन उच्च न्यालालय ने पर्याप्त सबूत ना होने के चलते याचिका को खारिज कर दिया था. इस मामले में पिछले साल राज्य सरकार ने भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया था.

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24 अगस्त को SC ने फैसला रखा था सुरक्षित
याचिकाकर्ता परवेज परवाज का कहना था कि तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के भाषण के बाद 2007 में गोरखपुर में दंगा हुआ था. इसमें कई लोगों की जान चली गई थी. साल 2008 में दर्ज FIR की राज्य सीआईडी ने कई साल इस मामले में जांच की. 2015 में जांच एजेंसी ने राज्य सरकार से योगी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने पर्याप्त सबूत न होने की बात कहकर मुकदमा चलाने से मना कर दिया था. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. 24 अगस्त को चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीट ने मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

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वहीं, इस मामले में योगी आदित्यनाथ की ओर पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले को बेवजह लंबा खींचा जा रहा है क्योंकि योगी अब मुख्यमंत्री बन चुके हैं. कई साल जांच के बाद CID को तथ्य नहीं मिले. उन्होंने अदालत से याचिका को खारिज करने का आग्रह किया.

क्या था पूरा मामला?
दरअसल, 27 जनवरी 2007 में यूपी के गोरखपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में 2 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे. इस दंगे के लिए तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ (जो अब मौजूदा मुख्यमंत्री हैं) विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौदरी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था. कहा गया था कि इनके भड़काऊ भाषण के कारण गोरखपुर में दंगा भड़का था. योगी समेत इन नेताओं के खिलाफ इस मामले में धारा 153, 153ए, 153बी, 295, 295बी, 147, 143, 395, 436, 435, 302, 427, 452 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया था. 

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Gorakhpur riots 2007 Supreme Court to pronounce verdict on petition against Yogi Adityanath today
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योगी आदित्यनाथ पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
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योगी आदित्यनाथ पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला