डीएनए हिंदी: प्रदूषण (Global Pollution) की वजह से दुनियाभर में हर साल 90 लाख लोगों की मौत होती है. कारों से निकलने वाले धुएं, ट्रक और उद्योगों की वजह से होने वाला प्रदूषण 55 फीसदी तक बढ़ गया है. घरेलू गैस, प्रदूषित जल, ह्युमन और एनिमल वेस्ट (Human and Animal Waste) की वजह से भी प्रदूषण बढ़ रहा है. 2019 में हुई मौतों के कुल आंकड़े 2015 के आंकड़ों के बराबर हैं.
अमेरिका ही इकलौता एक ऐसा देश है जो पूरी तरह से औद्योगिकीकरण के बाद भी प्रदूषण की मार झेल रहा है. अमेरिका टॉप 10 प्रदूषित देशों में शुमार है. द लैंसेट प्लैनेटरी (Lancet Planetary Health) हेल्थ जर्नल में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश (Bangladesh) और इथियोपिया (Ethiopia) में भी ऐसे ही हालात हैं.
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भारत और चीन में होती हैं प्रदूषण की वजह से सबसे ज्यादा मौतें
यह स्टडी ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के आंकडों और सिएटल में स्थित इन्स्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवॉल्यूशन के आंकलन पर आधारित है. भारत और चीन प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में दुनिया में सबसे आगे हैं.
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क्या कहते हैं प्रदूषण से होने वाली मौत के आंकड़े?
भारत में सालाना लगभग 2.4 मिलियन लोग और चीन में लगभग 2.2 मिलियन लोगों की मौत प्रदूषण की वजह से होती है. दोनों देशों में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी भी है. अगर मौत को प्रति जनसंख्या दर के हिसाब से देखा जाए तो अमेरिका नीचे से 31वें स्थान पर आता है. यहां प्रति 100,000 की आबादी में प्रदूषण की वजह से मौत का आंकड़ा 43.6 है.
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चाड और मध्य अफ्रीकी गणराज्य प्रति 100,000 की आबादी पर प्रदूषण से होने वाली लगभग 300 मौत के साथ उच्चतम स्थान पर हैं. इनमें से आधी से अधिक मौत का कारण दूषित पानी है. ब्रुनेई, कतर और आइसलैंड में प्रदूषण के कारण मृत्यु दर 15 से 23 के बीच सबसे कम है. प्रदूषण की वजह से मौत का वैश्विक औसत प्रति 100,000 लोगों पर 117 है. (AP इनपुट के साथ)
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प्रदूषण की वजह से हर साल होती है लाखों लोगों की मौत, ये हैं सबसे प्रदूषित देश