डीएनए हिंदी: देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में धीमी पड़कर 5.4 प्रतिशत रही. हालांकि, इसी अवधि में चीन की चार प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से अधिक है. इसके साथ देश ने दुनिया की तीव्र वृद्धि दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार रखा है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 20.3 प्रतिशत और दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 8.5 प्रतिशत थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी.
इसके अलावा, कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट को अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.8 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
आधिकारिक बयान के अनुसार, "जीडीपी स्थिर मूल्य (2011-12) पर तीसरी तिमाही में 38.22 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2020-21 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 36.26 लाख था. यह 5.4 प्रतिशत वृद्धि को बताता है."
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, "तुलनात्मक आधार प्रतिकूल होने से 2021-22 की तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर के स्थिर रहने का अनुमान था. लेकिन विनिर्माण क्षेत्र में मामूली वृद्धि तथा दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के बावजूद अचंभित करने वाले निर्माण क्षेत्र में संकुचन के साथ एनएसओ के शुरुआती अनुमान हमारी अपेक्षाओं से बहुत कम (6.2 प्रतिशत) है."
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