डीएनए हिंदी : झारखंड के देवघर(Deoghar) में रोपवे दुर्घटना में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. यह दुर्घटना 1770 मीटर लम्बे स्टील रोप में समस्या आ जाने से हुई थी. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सरकार द्वारा समर्थित एक एजेंसी के द्वारा इस रोपवे का ऑडिट भी हुआ था. यह ऑडिट दुर्घटना से लगभग तीन हफ्ता पहले हुआ था. ऑडिट में बताया गया था कि रोप संतोषजनक स्थिति में है.
24 लोकल फॉल्ट भी नज़र आए थे ऑडिट टीम को
एजेंसी द्वारा दिए हुए ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक डेढ़ किलोमीटर से अधिक लम्बे इस रोप वे में कम से कम 24 लोकल फ़ॉल्ट या फिर उसके होने की संभावना जताई गईं. एजेंसी ने रोप के जुड़ाव वाले हिस्सों का ध्यान रखने की सलाह दी थी. इस रोप वे को 2014 में शुरू किया गया था. एजेंसी के द्वारा दिए हुए सूचना के मुताबिक़ रोप में कहीं भी समय की वजह से होने वाला जकड़न या टूटन-फूटन की समस्या नहीं नज़र आई. हालांकि, एजेंसी ने बार-बार विशेष ध्यान रखने की बात कही थी.
देवघर(Deoghar) के त्रिकूट पहाड़ तक जाने वाली इस रोप वे को धनबाद(Dhanbad) की सेन्ट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ माइनिंग एन्ड फ्यूल रिसर्च ने बनाया था.
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जांच एजेंसी को समस्या रोप में नहीं, आसपास के कंस्ट्रक्शन में नज़र आई थी
जांच करने वाली एंजेसी के मुख्य वैज्ञानिक और प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर डी बसाक के अनुसार कुल 24 जगह समस्याएं दिखी थीं. वे इतनी बड़ी नहीं थी. डी बसाक ने ऑडिट के बाद प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी सबमिट किया था.
रोपवे दुर्घटना के बाद उठे सवालों पर इसे ऑपरेट करने वाली कंपनी दामोदर रोपवेज एन्ड इंफ्रा लिमिटेड ने कहा है कि रोपवे की मेन्टेन्स लगातार होती रही है. यह दुर्घटना स्टील रोप के शाफ़्ट से खिसकने की वजह से हुई है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था और क्यों हुआ, इस सम्बन्ध में विशेष जांच की ज़रूरत है.
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