डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) पार्टी असम में भी हाशिए पर सिमटती नजर आ रही है. असम कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और राज्यसभा के पूर्व सांसद रिपुन बोरा (Ripun Bora) के इस्तीफे ने राज्य में कांग्रेस के खोते जनाधार की ओर इशारा कर दिया है.

रिपुन बोरा ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल होने के बाद, हाल के राज्यसभा चुनावों में अपनी हार के लिए असम कांग्रेस के नेताओं को दोषी ठहराया था. 

उन्होंने आरोप लगाया था कि असम प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का एक खास वर्ग भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं का हिमायती है. इन नेताओं का मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ एक गुप्त समझौता है. असम कांग्रेस ने उन्हें स्वार्थी बताते हुए पलटवार किया है. 

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क्यों परेशान है कांग्रेस?

कांग्रेस के परेशान होने की एक वजह भी है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रिपुन बोरा के बयानों को अपने पक्ष में भुना लिया है. उन्होंने रिपुन बोरा के रिजाइन लेटर के सामने आने के बाद कहा है कि अगले राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस के विधायक उन्हें वोट करेंगे.

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हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'यह सच है कि 9-10 कांग्रेस विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में वोट दिया या हमारी मदद की. अगर कल राज्यसभा चुनाव फिर से होंगे तो वे मेरी मदद करेंगे. चाहे आप इसे कांग्रेस के साथ विश्वासघात कहें या मेरे लिए उनका प्यार, तथ्य यह है कि अगर कल राज्यसभा चुनाव होते हैं तो वे फिर से मेरी मदद करेंगे.'

रिपुन बोरा ने क्या कहा था?

राजनीति के जानकार कहते हैं कि बीजेपी के राजनीतिक पैटर्न पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि यह पार्टी बयानों को भुनाने में माहिर है. रिपुन बोरा ने अपने इस्तीफे में कहा था कि असम कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह को उनके इस्तीफे की पहली वजह है. कांग्रेस के साथ अपने चार दशक पुराने रिश्ते को खत्म करते हुए वह रविवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल में रिपुन बोरा शामिल हो गए थे.

रिपुन बोरा ने राज्यसभा चुनाव में अपनी हार के लिए पार्टी नेताओं को भी जिम्मेदार ठहराया और यहां तक कि असम प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के एक वर्ग पर बीजेपी सरकार के साथ गुप्त समझौता करने का भी आरोप लगाया. रिपुन बोरा को कांग्रेस पार्टी ने राज्य सभा के लिए फिर से नामित किया था. असम में विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार होने के बाद भी उन्हें हार मिली थी. हार के बाद रिपुन बोरा ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. उन्होंने अब तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.

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कांग्रेस में कोई भविष्य नहीं

असम के सीएम के बयानों से कांग्रेस पार्टी में खलबली मच गई है. उन्होंने कहा, 'यह एक तथ्य है कि कांग्रेस में 22 साल बिताने के बाद रिपुन बोरा समेत असम के लगभग सभी कांग्रेस नेता मेरे करीब हैं. कांग्रेस के कई नेता और विधायक हैं जो बीजेपी में आना चाहते हैं. वह हमारे साथ जुड़ें. हमें उनके लिए जगह बनानी होगी. जो हमसे जुड़ना चाहते हैं, वे दूसरी पार्टियों में शामिल हो जाएंगे. कांग्रेस से नाराज नेता कहते हैं कि उनका कांग्रेस में कोई भविष्य नहीं है.' 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के बयानों के बाद से ही कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मंथन करने में जुट गया है कि कहीं एक के बाद एक पार्टी के बड़े नेता कांग्रेस की अंदरुनी कलह की वजह से पार्टी से किनारा न करते चले जाएं. 

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Ex Assam Congress Chief Ripun Bora Resignation Letter CM Himanta Sarma Remarks Political Clash
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असम कांग्रेस से Ripun Bora के इस्तीफे ने बढ़ाई आलाकमान की टेंशन
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा. (फोटो- Twitter/BJP)
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा. (फोटो- Twitter/BJP)

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असम कांग्रेस से Ripun Bora के इस्तीफे ने बढ़ाई आलाकमान की टेंशन, दलबदल से खुश क्यों है BJP?