डीएनए हिंदी: नेपाल में देर रात भूकंप (Nepal Earthquake) के झटके महसूस किए गए.रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के मुताबिक,शुक्रवार देर रात 1.12 बजे भूकंप के झटके नेपाल से 7 किमी दूर महसूस किए गए. भूकंप उस दौरान आया जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे. हालांकि, इसमें फिलहाल किसी के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है.
यूपी के कई जिलों में महसूस किए गए झटके
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल में आए भूकंप के इन झटकों का असर उत्तर प्रदेश तक महसूस किया गया. यूपी के राजधानी लखनऊ, बहराइच, बरेली और लखीमपुर समेत कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इससे पहले शुक्रवार सुबह जम्मू-कश्मीर में भूकंप आया था. हालांकि इसकी तीव्रता कम थी. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई थी.
Earthquake of Magnitude:5.2, Occurred on 20-08-2022, 01:12:47 IST, Lat: 28.07 & Long: 81.25, Depth: 82 Km ,Location: 139km NNE of Lucknow, Uttar Pradesh, India for more information Download the BhooKamp App https://t.co/4JI5H8kFoA@Indiametdept @ndmaindia pic.twitter.com/QlaEgrtsSF
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) August 19, 2022
उत्तराखंड में बादल फटा
वहीं, देहरादून जिले के रायपुर प्रखंड के सरखेत गांव में बादल फटने की घटना सामने आई. यहां स्थानीय लोगों ने शनिवार सुबह 2.45 बजे बादल फटने की घटना की सूचना एसडीआरएफ को दी. NDRF की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और गांव में फंसे सभी लोगों को बचा लिया गया, जबकि कुछ लोगों ने पास के एक रिसॉर्ट में छिपे हुए हैं. जिनका जल्द ही रेस्क्यू कर लिया जाएगा.
Dehradun, Uttarakhand | An incident of cloudburst was reported by locals at 2.45 am in Sarkhet village in Raipur block in Dehradun district. SDRF team was immediately rushed to spot. All the people stuck in village were rescued while some took shelter in a resort nearby: SDRF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 20, 2022
क्यों आता है भूकंप?
भूकंप आने की वजह क्या होती है? धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है.
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से होती है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है. भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है.
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Earthquake: नेपाल से लेकर UP तक भूकंप के झटकों से हिली धरती, उत्तराखंड में फटा बादल