डीएनए हिंदीः ओमिक्रॉन के खतरे के बीच दिल्ली में डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है. सोमवार को विरोध मार्च निकाल रहे डॉक्टरों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई. इसके बाद से माहौल और गर्माता जा रहा है. पुलिस ने 12 डॉक्टरों को हिरासत में लिया. हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया. झड़प के दौरान 7 पुलिसकर्मी भी घायल हुए. डॉक्टरों का प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा. इधर पुलिस भी इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है. सोमवार को हुए प्रदर्शन के बाद इस मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने कहा है कि मंगलवार से सभी स्वास्थ्य संस्थान पूरी तरह से बंद रहेंगे.
डॉक्टरों के समर्थन में उतरे राहुल-प्रियंका
डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन में अब कांग्रेस भी उतर चुकी है. राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी ने भी मामले को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा- ''कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया. अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाएं. डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान और हक चाहिए.
कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 27, 2021
अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले @narendramodi जी को नींद से जगाए
डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान व हक चाहिए। pic.twitter.com/FG04p4U98o
वहीं कांग्रेस की छात्रसंघ इकाई NSUI ने भी डॉक्टरों के प्रदर्शन का एक वीडियो ट्वीट कर केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं. NSUI की ओर से लिखा गया- ''एक तरफ कोरोना के तीसरी लहर की आहट है, दूसरी तरफ देश की राजधानी में जीवन बचाने वाले डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर दिन रात सड़क पर हैं. लगभग 2500 रेजिडेंट डॉक्टर जो सड़क पर मार्च कर रहे थे, उन्हें सरोजिनी नगर के पास हिरासत में ले लिया गया है, आखिर यह तानाशाही कब तक और क्यों''
एक तरफ कोरोना के तीसरी लहर की आहट है..
— NSUI (@nsui) December 27, 2021
दूसरी तरफ देश की राजधानी में जीवन बचाने वाले डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर दिन रात सड़क पर हैं..
लगभग 2500 रेजिडेंट डॉक्टर जो सड़क पर मार्च कर रहे थे उन्हें सरोजिनी नगर के पास हिरासत में ले लिया गया है, आखिर यह तानाशाही कब तक और क्यों pic.twitter.com/2l3YT7LBX9
क्या है मामला?
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स असोसिएशन (FORDA) की अगुवाई में दिल्ली में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स स्ट्राइक पर हैं. फोर्डा का कहना है कि हर साल पीजी के लिए जनवरी में एग्जाम होता है और मई तक डॉक्टर जॉइन कर लेते हैं. इस साल एग्जाम जनवरी में नहीं हो पाया. पहले मार्च-अप्रैल का समय दिया गया, लेकिन कोविड पीक की वजह से फिर एग्जाम नहीं हो पाया. सितंबर में एग्जाम हुआ. रिजल्ट आ गया है, लेकिन काउंसलिंग नहीं हुई है. अभी तक काउंसलिंग की तारीख की घोषणा भी नहीं हुई है. लगभग 45 से 47 हजार एमबीबीएस डॉक्टर पीजी करने के इंतजार में हैं.
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