डीएनए हिंदी: अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में दूसरे दिन की बहस काफी गर्मागरम रही. बुधवार को राहुल गांधी ने करीब 35 मिनट का समय लिया. शुरुआत एक ऐसे नाम के साथ की, जिसको लेकर उनको और कांग्रेस पार्टी को कई बार बीजेपी ने घेरा है. मुख्यतौर पर अविश्वास प्रस्ताव की बहस तीन 'M' के इर्द गिर्द ही घूम रही है. इसमें पहला है मणिपुर, दूसरा है महिला और तीसरा है मोदी यानी नरेंद्र मोदी. जानिए डीएनए शो में क्या-कुछ बता रहे हैं सौरभ राज जैन.
विपक्ष के हर नेता की तरह बुधवार को भी राहुल गांधी ने भी अपने भाषण को इन्हीं तीन हिस्सों में बांटा हुआ था. उन्होंने मणिपुर हिंसा पर सरकार को घेरा, उसके बाद हिंसा का असर महिलाओं पर किस तरह पड़ रहा है, उसका जिक्र किया. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर ना जाने का मुद्दा उठाया और महिलाओं के एंगल से मुद्दा उठाकर मणिपुर की हिंसा को भारत माता की हत्या से जोड़ दिया. जिस मुद्दे के साथ आज राहुल गांधी ने बहस की शुरुआत की, वो मुद्दा अडानी का था, और जिस मुद्दे के साथ राहुल गांधी ने अपना भाषण समाप्त किया, वो था भारत माता की हत्या जैसे शब्दों का इस्तेमाल.
राहुल गांधी ने आज केंद्र सरकार पर हमले की एक खास रणनीति चुनी थी. उसके लिए वो पूरी तैयारी के साथ आए थे. यही वजह है कि जब उनका भाषण ख़त्म हुआ, तो उसके बाद वो जवाब सुनने के लिए एक मिनट भी सदन में नहीं रुके.
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राहुल गांधी का किन मुद्दों पर रहा जोर?
- राहुल गांधी ने आज सबसे पहले मणिपुर को अपनी राजनीतिक जंग का ग्राउंड जीरो बनाया.
- इस ग्राउंड जीरो पर हिंसा के हालात बताते हुए केंद्र सरकार की नाकामी का जिक्र किया.
- फिर वहां रिलीफ कैंप्स की हिंसा पीड़ित महिलाओं की कहानी सुना कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
- आखिर में उन्होंने मणिपुर के हालात को देश का हालात बताते हुए, भारत माता की हत्या होने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया.
सरकार पर जरा भी आंच नहीं फिर क्यों अविश्वास प्रस्ताव?
राहुल गांधी ही नहीं, पूरे विपक्ष को मालूम है कि अविश्वास प्रस्ताव पर अगर वोटिंग हुई भी, तो भी सरकार पर कोई आंच नहीं आएगी. इतना जरूर है कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के जरिए कुछ खास मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करना चाहता है. यानी राहुल गांधी का आज का बयान हो, या विपक्ष के नेताओं का केंद्र सरकार के खिलाफ दिया गया कोई भी भाषण. ये सब वर्ष 2024 के चुनावों की तैयारी है. राहुल गांधी ने आज मणिपुर में हो रही हिंसा पर सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए. उन्होंने यहां तक कहा कि सरकार अगर चाहे तो सेना भेजकर, हालात काबू में कर सकती है, लेकिन वो ऐसा नहीं कर रही है. राहुल गांधी का यही इशारा था, कि केंद्र सरकार, वर्ष 2024 के चुनाव से पहले ऐसे ही हालात बनाए रखना चाहती है.
हिंदुस्तान की हत्या पर भड़का बवाल
राहुल गांधी के मणिपुर हिंसा पर दिए गए इस भाषण के बाद लोकसभा में काफी हंगामा भी हुआ. उन्होंने relief camps की महिलाओं का दर्द जब सदन में रखा, तब तक सदन के हालात फिर भी सामान्य कहे जा सकते थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने जोश में आकर मणिपुर के हालात को देश के हालात बताते हुए, हिंदुस्तान की हत्या जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, वैसे ही लोकसभा में हंगामा हो गया.
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राहुल गांधी के भाषण के इस हिस्से से सत्ता पक्ष गुस्से में लाल हो गया. वजह ये थी कि इस हिस्से में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को रावण की लंका बताया था, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला किया गया था. इस हिस्से में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं, गृहमंत्री अमित शाह और अडानी का भी नाम लिया गया था. एक साथ एक बार में सत्ता पक्ष के दो बड़े नेताओं पर हमले हुए, तो सत्ता पक्ष के नेताओं का भड़कना लाज़मी था.
स्मृति ईरानी का हमला
राहुल गांधी के जोशीले सवालों का जवाब, वैसे तो आज स्मृति ईरानी ने दिया. लेकिन जैसा कि सत्ता पक्ष को पूरी उम्मीद थी, कि जब अमित शाह, मणिपुर पर सवालों के जवाब देंगे, तो उसके बाद विपक्ष के पास पूछने के लिए कुछ नहीं रह जाएगा. ठीक ऐसा ही हुआ. अविश्वास प्रस्ताव के साथ ही विपक्ष ने केंद्र सरकार से मणिपुर हिंसा पर तीन मुख्य सवाल पूछे थे.
- उनका पहला सवाल था कि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ बोला क्यों नहीं?
- दूसरा सवाल ये पूछा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए?
- तीसरा सवाल ये पूछा था कि मणिपुर हिंसा के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
मणिपुर पर अमित शाह ने दिया जवाब
जैसे ही अमित शाह ने सदन में बोलना शुरू किया, तो लगा कि अन्य बीजेपी नेताओं की तरह ही,वो मणिपुर के मुद्दे को BYPASS कर जाएंगे. गृहमंत्री ने अपने भाषण में सबसे पहले केंद्र सरकार की उपलब्धियों और UPA राज की नाकामियों के बारे में बताया. लेकिन इसके बाद जब वो मणिपुर हिंसा पर जवाब देने मैदान में उतरे, तो विपक्ष के केवल तीन सवाल ही नहीं, जितने भी सवाल थे, उनके जवाब उन्होंने एक बार में भी दे दिया.
स्मृति ईरानी ने राहुल को कैसे घेरा?
राहुल गांधी ने अपनी बात कही और उसके बाद तुरंत सदन छोड़कर चले गए. उन्होंने अपने भाषण के बाद स्मृति ईरानी के पलटवार को नहीं सुना. लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के कई सांसदों को स्मृति ईरानी का भाषण सुनना पड़ा.
राहुल गांधी ने जहां अपना भाषण खत्म किया था, स्मृति ईरानी ने वहीं से अपने भाषण की शुरुआत की. स्मृति ईरानी ने भारत माता की हत्या जैसे शब्दों के इस्तेमाल को देश के अपमान से जोड़ा. स्मृति ईरानी ने तो इन शब्दों के इस्तेमाल के बाद विपक्षी सांसदों की तालियों को भी निशाने पर ले लिया.
घेरने आए थे राहुल गांधी, खुद घिर गए
मणिपुर हिंसा में पीड़ित महिलाओं का दर्द बताने वाले राहुल गांधी को, स्मृति ईरानी ने आतंकवाद से पीड़ित कश्मीरी पंडित महिलाओं की याद दिलाई, यही नहीं, उन्होंने हाल ही में कांग्रेस शासित राजस्थान में नाबालिग लड़की के रेप और मर्डर के मामले में भी राहुल गांधी को घेरा.
राहुल गांधी ने अपने भाषण में देश मे केरोसीन छिड़के जाने की बात कही थी. वो मणिपुर में दो समुदायों के बीच चल रही हिंसा को मणिपुर ही नहीं, देश में दो समुदायों के बीच हो रही हिंसा की दूसरी घटनाओं से भी जोड़ रहे थे. इसके जवाब में स्मृति ईरानी ने राहुल की उन विदेश यात्राओं का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने अलग-अलग मंचों से भारत में केरोसीन छिड़के जाने की बात कही थी.
आज स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी, अडानी वाले बयान पर भी पलटवार किया. राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत ही अडाणी का नाम लेकर शुरु की थी,जिसमें उन्होंने सत्ता पक्ष से कहा था कि वो रिलैक्स कर सकते हैं क्योंकि वो अडाणी के बारे में कुछ नहीं कहेंगे, राहुल गांधी के इस व्यंग से ही उनके भाषण की रूपरेखा तय हो गई थी.
फ्लाइंग किस पर भड़का संसद में बवाल
बुधवार राहुल गांधी ने एक गंभीर विषय पर अपनी बात रखी थी. विपक्षी नेता के तौर पर राहुल गांधी से ये उम्मीद की जाती है कि वो गंभीर विषयों पर गंभीरता से अपनी बात तो रखेंगे ही, इसके अलावा वो सरकार पर इतना दबाव तो बना ही लेंगे कि वो उनके सवालों का जवाब देने को मजबूर हो जाए. लेकिन अक्सर हमने देखा है कि राहुल गांधी गंभीर विषयों पर बोलते बोलते, बीच में कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे उनकी सारी गंभीरता, मज़ाक बनकर रह जाती है.
आज लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर राहुल गांधी ने भाषण तो जोरदार दिया, लेकिन भाषण खत्म करने के बाद, उन पर सदन में मौजूद महिलाओँ का अपमान करने का आरोप लगा. दरअसल राहुल गांधी पर फ्लाइंग किस करने का आरोप लगा. स्मृति ईरानी ने अपने भाषण में राहुल गांधी के एक्शन को असंसदीय बताते हुए, महिलाओं का अपमान बता दिया.
राहुल गांधी कई बार संसद में हो चुके हैं ट्रोल
अक्सर राहुल गांधी कुछ अनोखा जरूर करते आए हैं. हम आपको राहुल गांधी की दो तस्वीरें दिखाना चाहते हैं. यह तस्वीरें वर्ष 2018 की हैं. इसमें एक तस्वीर, भाषण देते-देते अचानक ही अपनी सीट से उठकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने की भी है. जबकी दूसरी तस्वीर में राहुल गांधी आंख मारते हुए दिखाई दिए थे. ये उन्होंने तब किया था, जब वो पीएम नरेंद्र मोदी से गले मिलकर, वापस अपनी सीट पर आए थे. सीट पर बैठते ही उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ देखते हुए आंख मारी थी.
आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2018 में राहुल गांधी ने ये हरकतें अविश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण के बाद ही की थीं. अब उन पर आरोप ये है कि आज एक बार फिर उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान ही अपने भाषण के बाद 'फ्लाइंग किस' किया है इस मामले को लेकरं सदन में मौजूद बीजेपी की महिला सांसदों ने शिकायत भी दर्ज करवाई है.
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राहुल के बयान पर बवाल, स्मृति ईरानी ने उठाए सवाल, दिनभर क्या हुआ?