क्या दिल्ली में 25 मई को वोटिंग से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमानत पर जेल से बाहर आ पाएंगे? ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ऐसा लग रहा था कि आज उन्हें अंतरिम जमानत मिल जाएगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर फिलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया. हालांकि,कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ऐसे कई संकेत दिए हैं, जिनसे CM केजरीवाल को जमानत मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार कर रहे हैं. ये असाधारण परिस्थितियां हैं. वे दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं, कोई आदतन अपराधी नहीं. अदालत ने ईडी के विरोध करने पर कहा कि उन्हें भी चुनाव प्रचार करने का पूरा हक है. 

इसपर ED के वकील दलील दी कि क्या हम एक उदाहरण सेट कर रहे हैं कि वो एक मुख्यमंत्री हैं. इस हिसाब से तो दूसरे MP और MLA भी जमानत लेने आ जाएंगे. क्या चुनाव प्रचार इतनी बड़ी दलील हो सकती है? जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि अगर केजरीवाल प्रचार नहीं करेंगे तो कोई आसमान नहीं गिर जाएगा.

ED के विरोध पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सख्त लहजे में जवाब दिया, 'चुनाव 5 साल में एक बार होते हैं. ये फसल नहीं है जो हर साल उगाई जाए. हम तो नहीं चाहते कि आम लोगों और नेताओं में फर्क किया जाए. सर्वोच्च अदालत के रूख और टिप्पणियों से लग रहा था कि वह CM केजरीवाल को जमानत देने का मन बना चुका था. सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई शुरु होने के बाद लंच से पहले तक कोर्ट ने जमानत की शर्तें तय कर लीं थीं.

केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की ताकत है. इसके लिए जरूरी है कि चुनाव में सभी पार्टियों की बराबर की भागीदारी हो. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अंतरिम जमानत पर सुनवाई इसलिए ही कर रहे हैं क्योंकि चुनाव का वक्त है. अगर चुनाव का टाइम नहीं होता तो अंतरिम जमानत का कोई सवाल ही नहीं उठता. 

कोर्ट ने कहा कि अगर जमानत मिली तो आप ऑफिशियली काम नहीं करेंगे. ये लोकहित का सवाल है. अदालत ने कहा कि जमानत मिलने के बाद आप सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. इस पर सिंघवी ने कहा कि CM केजरीवाल कोई भी फाइल साइन नहीं करेंगे. बस शर्त यही है कि इस आधार पर LG कोई काम नहीं रोकेंगे.

लंच टाइम तक लग रहा था कि सुप्रीम कोर्ट से CM केजरीवाल को आज ही जमानत मिल जाएगी. लेकिन लंच टाइम के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना कोई फैसला दिए ही उठ गई. यानी CM केजरीवाल की जमानत होल्ड पर चली गई. अब उन्हें जमानत मिलेगी या नहीं 9 मई को इसके बारे में पता चलेगा. 

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'चुनाव 5 साल में एक बार होते हैं', केजरीवाल की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने
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ये कोई फसल नहीं, जो हर साल उगाई जाए', केजरीवाल की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?

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