ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना ने एक बार फिर पाकिस्तान में काफी अंदर तक घुसकर पाकिस्तान के रडार सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने बुधवार के बाद आज गुरुवार को पंजाब, गुजरात और राजस्थान में भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया. हालाँकि, भारत ने इस हमले को नाकाम कर दिया था. इसके बाद, बुधवार सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के प्रमुख शहरों पर ड्रोन हमले किए और सभी 56 ड्रोन डैमेज कर अब तक 4 पाकिस्तानी फाइटर जेट्स को ढेर कर दिया है, जिससे पाकिस्तान की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह नष्ट हो गई.
यह वायु रक्षा प्रणाली पाकिस्तान को चीन द्वारा दी गई थी. इस रडार प्रणाली की मदद से पाकिस्तान भारतीय लड़ाकू विमानों पर नज़र रख सकता है और उनकी रडार प्रणालियों को निष्क्रिय कर सकता है. साथ ही इस प्रणाली का उपयोग करके हवा में मौजूद विमानों को मिसाइलों से निशाना बनाया जा सकता है. इसलिए, भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तान में प्रवेश करना बहुत बड़ा जोखिम था. हालाँकि, अब भारत ने पाकिस्तान की रडार प्रणाली को नष्ट कर दिया है.
जब भारतीय लड़ाकू विमान पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसकर हमला करते थे, तो पाकिस्तान की HQ-9 रडार प्रणाली उनकी सुरक्षा करती थी. हालाँकि, चूंकि भारत ने इस रडार प्रणाली को नष्ट कर दिया है और परिणामस्वरूप, पाकिस्तान की पूरी वायु रक्षा प्रणाली को भी नष्ट कर दिया है, इसलिए भारतीय लड़ाकू विमानों को अब रोका नहीं जा सकेगा. अब यदि भारतीय विमान लाहौर तक पहुंच भी जाएं तो उन्हें रडार पर ट्रैक करना संभव नहीं होगा. इसलिए सुखोई और राफेल जैसे तेज विमानों को अब कम खतरा रहेगा. अब, यदि पाकिस्तान हमला करता है, तो भारतीय वायुसेना के विमान किसी भी समय लाहौर तक जाकर बमबारी कर सकते हैं. भारत के नजरिए से इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है.
यदि HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली नष्ट होने से भारत की बड़ी सफलता?
एचक्यू-9 एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है जिसे चाइना प्रिसिजन मशीनरी इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन (सीपीएमआईईसी) द्वारा विकसित किया गया है. इस मिसाइल सिस्टम को चीनी सैन्य तकनीक का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है और इसे 2021 में पाकिस्तान के बेड़े में शामिल किया गया था. इसकी रेंज 125 से 200 किलोमीटर बताई जाती है. इस प्रणाली में एक साथ 100 लक्ष्यों पर नज़र रखने की क्षमता है.
भारत द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद पाकिस्तान बहुत चिंतित था. इसलिए, उन्होंने तुरंत HQ-9 मिसाइल प्रणाली का उपयोग करने का निर्णय लिया. भारत के राफेल लड़ाकू विमान, सुखोई एसयू-30 एमकेआई और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती बनेंगे. इसीलिए पाकिस्तान ने एचक्यू-9 जैसी मिसाइल प्रणाली का उपयोग करने का निर्णय लिया. लेकिन, अब जब भारत ने ड्रोन के जरिए पाकिस्तान के HQ-9 मिसाइल सिस्टम को नष्ट कर दिया है तो पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ गई हैं.
पाकिस्तानियों ने चीन के एचक्यू-9 की तुलना भारत की एस-400 वायु रक्षा प्रणाली से की है. पाकिस्तानी चाहे जो भी कहें, सच्चाई यह है कि चीन से पाकिस्तान को जो HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली मिली है, वह तकनीकी रूप से S-400 के मुकाबले में नहीं है. यह सोचना भी असंभव है कि एचक्यू-9 की रडार प्रणाली भारत की ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइलों को रोक सकेगी. एस-400 की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है और इसे बहुत कम समय में परिचालन में लाया जा सकता है. इसकी तुलना में, HQ-9 को तैनात करने में आधे घंटे से थोड़ा अधिक समय लगता है.
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