डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली पर एक बार फिर से पीने के पानी (Delhi Water Crisis) का संकट मंडरा रहा है. दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) की ओर से कहा गया है कि अगले कुछ दिनों तक कई इलाकों में पानी की सप्लाई बाधित होगी. दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने हरियाणा से अनुरोध किया है कि उसके लिए यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ा जाए. भीषण गर्मी के चलते वाटर लेवल भी घट गया है कि दिल्ली के कुछ जलाशयों में पानी कम हो गया है. पानी कम होने की वजह से दिल्ली में चलने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता कम हो गई है.
पानी की समस्या को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार हरियाणा सरकार (Haryana Government) से बार-बार अनुरोध कर रही है. इतना ही नहीं उसने सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की है कि उसे पानी दिलाया जाए. वहीं, बीजेपी भी अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार पर पानी के खराब मैनेजमेंट को लेकर आरोप लगाए हैं. आइए समझते हैं कि दिल्ली को पीने का पानी कहां से मिलता है और क्यों हर बार उसे ऐसे संकटों से जूझना पड़ता है...
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Yamuna नदी है दिल्ली की लाइफलाइन
भीषण गर्मी के चलते यमुना नदी लगभग सूखने की कगार पर आ गई है. दिल्ली को पीने के पानी की सप्लाई करने वाले ज्यादातर प्लांट यमुना नदी से ही पानी लेते हैं. यही कारण है कि वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला ट्रीटमेंट प्लांट की उत्पादन क्षमता में कमी आई है और लोगों की पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. जल बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि दिल्ली को मिलने वाले पानी में 40 प्रतिशत की कमी आई है.
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जल बोर्ड ने बताया है कि वजीराबाद तालाब में पानी का स्तर 669.40 फीट तक घट गया है, जो कि इस साल का सबसे कम स्तर है. इसी वजह से, वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला प्लांट में उत्पादन क्षमता 60-70 प्रतिशत तक कम हो गई है. वजीराबाद तालाब में पानी का स्तर शनिवार को सामान्य स्तर 674.50 फीट के मुकाबले 670.40 फीट रहा. पिछले साल 11 जुलाई को तालाब का स्तर 667 फीट तक चला गया था.
कहां-कहां से दिल्ली को मिलता है पानी
मुख्य रूप से यमुना के अलावा दिल्ली को कुछ नहरों से भी पानी दिया जाता है. हरियाणा से निकलने वाली दो नहरों, दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) और कैरियर लाइन्ड कैनाल (सीएलसी) से एक दिन में दिल्ली को 610 एमजीडी पानी पहुंचाया जाता है. इन नहरों में मुनक नहर और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के जरिए हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा जाता है. इसके अलावा, अपर गंगा कैनाल के जरिए उत्तर प्रदेश के रास्ते 253 एमजीडी पानी पहुंचाया जाता है. इसके अलावा, दिल्ली में बने कुओं से और नलकूपों से कुल 90 एमजीडी पानी की सप्लाई होती है.
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वर्तमान में दिल्ली के चंद्रावल, वजीराबाद और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता क्रमशः 90 एमजीडी, 135 एमजीडी और 20 एमजीडी है. सप्लाई में 40 प्रतिशत की कमी का मतलब है कि 98 एमजीडी पानी की कमी है. ये प्लांट दिल्ली कैंट समेत पूर्वोत्तर दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, मध्य दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमएसी) इलाकों में पीने का पानी पहुंचाते हैं.
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दिल्ली को कहां-कहां से मिलता है पीने का पानी, जानिए बूंद-बूंद का हिसाब-किताब