Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बिगड़ता जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) स्तर 317 पर पहुंच गया है, जो बेहद खराब की कैटेगरी में माना जाता है. इसके लिए एक बार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों के फसल की पराली जलाए जाने को जिम्मेदार माना जा रहा है. इसके चलते पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों को तलब करने के बाद फटकार भी लगाई थी. इसके चलते किसानों पर सख्ती बढ़ा दी गई है और पराली जलाने की निगरानी में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जा रही है. हरियाणा में सोमवार और मंगलवार को 20 किसानों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया है. इसके अलावा दर्जनों किसानों पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में मुकदमे दर्ज किए गए हैं तथा जुर्माना भी लगाया जा रहा है. दिल्ली ने पड़ोसी राज्यों को पत्र लिखा है, जिसमें डीजल बसों पर रोक लगाने की अपील की गई है.
दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए पड़ोसी राज्यों में क्या कवायद हो रही है, इस पर पढ़ें 5 पॉइंट्स-
1. हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों की गिरफ्तारी जारी
हरियाणा में फसलों की पराली जलाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की जा रही है. किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने का काम जारी है. सबसे ज्यादा ऐसे मामले कैथल जिले में सामने आए हैं. सोमवार और मंगलवार को 20 किसानों को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी बाद में जमानत हो गई है. अब तक 336 किसानों को 'मेरी फसल, मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर रेड लिस्ट किया जा चुका है. ऐसे किसानों की फसल कृषि विभाग अगले दो साल तक नहीं खरीदेगा. इसके अलावा 327 किसानों के ऊपर जुर्माना लगाया गया है. अब तक करीब 10 लाख रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है.' कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. बाबू लाल के मुताबिक, 'सबसे ज्यादा कैथल जिले में ऐसे 123 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 63 पर जुर्माना लगाया गया है. 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पराली जलाने वाले 50 लोगों की रेड एंट्री कर दी हैं. ऐसे लोग 2 सीजन तक अपनी फसल नहीं बेच पाएगा। हमारी टीम गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं.'
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2. किसानों के खिलाफ दर्ज हो रहे केस
पराली जलाने के मामले में गिरफ्तारी और जुर्माने व रेड एंट्री के अलावा किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने का दौर जारी है. हरियाणा के कैथल जिले में 22 किसानों के खिलाफ FIR दर्ज़ हुई हैं. फतेहाबाद में भी भूना के दो भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, जबकि 4 किसानों के खिलाफ पहले केस दर्ज हो चुका है. पंजाब के फिरोजपुर जिले में भी अलग-अलग थानों में अज्ञात किसानों के खिलाफ 22 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा इलाके के जेवर में 4 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जेवर तहसील इलाके में गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी के आदेश पर घूम रहे लेखपालों ने खेतों में पहुंचकर पराली में लगी आग को बुझाने के बाद मुकदमे दर्ज कराए हैं.
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3. हरियाणा में 24 अधिकारी-कर्मचारी सस्पेंड
हरियाणा में किसानों को पराली जलाने से रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों-कर्मचारियों के ऊपर भी कार्रवाई शुरू हो गई है. पूरे प्रदेश में कुल 24 अधिकारी-कर्मचारी सस्पेंड किए गए हैं. कैथल जिले में कृषि विभाग के 3 सुपरवाइजर सस्पेंड किए गए हैं, जबकि फतेहाबाद में भूना के बीएओ और एसीडीओ समेत 3 कृषि अधिकारी सस्पेंड किए गए हैं. इसके अलावा भी अन्य जिलों में कार्रवाई की गई है.
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4. 'अपनी डीजल बसों पर रोक लगाइए' दिल्ली ने की अपील
दिल्ली ने पड़ोसी राज्यों के परिवहन मंत्रियों को पत्र लिखकर अपने यहां की डीजल बसों के दिल्ली आने पर रोक लगाने की अपील की है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है. गोपाल राय ने कहा,CAQM(वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) ने GRAP के चार चरण बनाए हैं. AQI के 200 से 300 के बीच में होने पर GRAP-I के नियम लागू होते है. AQI 300 से ऊपर बढ़ता है तो GRAP-II लागू होता है. दिल्ली का AQI अब 300 के पार पहुंचने के कारण आज से पूरे दिल्ली-NCR में GRAP-II के नियम लागू कर दिए गए हैं. GRAP-II में डस्ट पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए पानी के छिड़काव का काम किया जा रहा है. मेट्रो और बसों की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. पार्किंग शुल्क बढ़ाने के लिए कहा गया है ताकि लोग प्राइवेट गाड़ियां बाहर ज्यादा ना लाएं. इनका मकसद डस्ट पॉल्यूशन को और कम करने का है. पड़ोसी राज्यों से भी आग्रह है कि वे अपने यहां की डीजल बसों के दिल्ली-NCR में प्रवेश करने पर रोक लगाएं.'
5. 'पराली डंप करने के लिए किसानों को मिले वित्तीय सहायता'
चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उन्हें वित्तीय सहायता देने की मां सरकार से की है. उन्होंने कहा,'हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने वाले ज्यादातर छोटे किसान हैं. पंजाब में 86% किसानों के पास 2 एकड़ से कम भूमि है. जब तक आप उन्हें सीधे वित्तीय सहायता नहीं देंगे, तब तक वे अपने पारंपरिक तरीकों से पराली ठिकाने लगाने से दूर नहीं होंगे. कई सरकारों ने कई कोशिश की हैं, लेकिन हर साल पराली की यही समस्या पैदा होती है. इसके लिए जरूरी है कि उन्हें वित्तीय सहायता देकर पराली डंप करने के तरीके इस्तेमाल करने को प्रेरित किया जाए.'
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पंजाब से यूपी तक केस, हरियाणा में 20 किसान गिरफ्तारस, दर्जनों अधिकारी सस्पेंड, पढ़ें 5 पॉइंट्स