डीएनए हिंदी: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत सुनीता ने पिछले आठ महीनों में 73 लापता बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाया है. बीते तीन दिनों में सुनीता चार और लापता बच्चों का पता लगा चुकी हैं.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रविवार को सात साल का एक बच्चा विकासपुरी के इंदिरा कैंप नंबर दो स्थित अपने घर से लापता हो गया था. बच्चा अपने दादा के साथ रहता था. वहीं मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों में तलाशी शुरू की, सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाला गया लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. ऐसे में सुनीता ने बच्चे का पता लगाया और उसे सुरक्षित उसके दादा को सौंप दिया.
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) प्रशांत गौतम के अनुसार, 15 फरवरी को मायापुरी इलाके में रहने वाली एक 13 साल की बच्ची अपने घर से लापता हो गई थी. इस मामले में भी सुनीता ने लड़की का पता लगाया. इसके बाद 16 फरवरी को कंझावला इलाके में दो बच्चों के उनकी मां के साथ लापता होने की खबर मिली. इस दौरान एएसआई सुरेश कुमार और सुनीता की टीम लापता लोगों का पता लगाने में सफल रही.
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2014 में हुईं थी दिल्ली पुलिस में भर्ती
जानकारी के अनुसार, सुनीता 10 नवंबर 2014 को दिल्ली पुलिस में भर्ती हुईं. शुरुआती ट्रेनिंग के बाद उन्हें पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर), सी4आई कमांड रूम सीपीसीआर, पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) सहित विभिन्न यूनिट्स में तैनात किया गया. इसके बाद यहां से उन्हें पश्चिमी जिले में भेज दिया गया. फिलहाल वह पिछले एक साल से पश्चिमी जिले की मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) में तैनात हैं.
सीमा ढाका बनी प्रेरणा
इधर 2019 में PHQ ने अपहृत-लापता बच्चों का पता लगाकर उन्हें उनके परिवारों से मिलाने वाले पुलिसकर्मियों के प्रयासों को पहचानने के लिए एक नीति बनाई. इस दौरान सामने आया कि समयपुर बादली पुलिस स्टेशन की हेड कांस्टेबल सीमा ढाका ने एक साल के भीतर 50 लापता बच्चों का पता लगाया है जिसके चलते वह इस काम के लिए प्रमोशन पाने वाली पहली महिला बनीं. सीमा के काम की काफी सराहना हुई और वह सुनीता सहित अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बन गईं.
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73 लापता बच्चों का लगाया पता
पुलिस के अनुसार, सुनीता ने भी अब तक 73 लापता या किडनैप बच्चों का पता लगा लिया है. इन बच्चों में से 15 की उम्र आठ साल से कम है और बाकी की आठ से 16 साल के बीच है.
पुलिस ने कहा कि उनके समर्पण को पहचानने, उनका मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ दूसरों को प्रेरित करने के लिए कॉन्स्टेबल को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर पदोन्नत करने की सिफारिश की गई है.
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पेरेंट्स के लिए वरदान बनकर सामने आईं Delhi Police कॉन्स्टेबल सुनीता, 8 महीनों में 73 लापता बच्चों का लगाया पता