राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अक्सर ट्रेन के सामने कटकर मरने की खबरें सामने आती है. सेंट्रल दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में ऐसी घटनाएं ज्यादा देखी जा रही हैं. यहां कुछ लोग खुदकुशी करते हैं तो कुछ लोगों की मौत असावधानी की वजह से ट्रेन से कटकर भी हुई है.
दिल्ली में ट्रेन से कटकर जान गंवाने वाले लोगों में 28 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनकी कोई पहचान नहीं हो सकी है. उत्तर पश्चिमी दिल्ली सराय रोहिल्ला और मध्य दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में कुल 70 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास ऐसी घटनाएं कम दर्ज की गई हैं.
ईटीवी भारत में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी घटनाओं में जान गंवाने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक है. 1 जनवरी से 15 सितंबर 2021 के बीच दिल्ली में ट्रैक पर कटकर कुल 358 लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में 329 पुरुष और 29 महिलाएं शामिल हैं. आरपीएफ और दिल्ली पुलिस के आकंड़ों के मुताबिक शाम या सुबह में ही ऐसी घटनाएं ज्यादा होती हैं.
2020 में भी 410 लोगों ने गंवाई थी जान
ट्रेन से कटकर जान गंवाने वाले 358 लोगों में से 102 शव अज्ञात हैं जिनकी शिनाख्त अब तक नहीं हो सकी है. 2020 में भी कुल 410 लोगों की मौत ट्रेन से कटकर हुई थी. 2020 में कुल 42 महिलाओं की मौत हुई थी.
किस इलाके में हुई कितनी मौतें?
दिल्ली में ट्रेन से कटकर होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़े चिंताजनक हैं. दिल्ली की सब्जी मंडी में जहां 78 लोगों की मौत हुई, वहीं नई दिल्ली रेलवे ट्रैक पर 8 लोगों ने जान गंवाई. आनंद विहार के रेलवे ट्रैक पर 32, पुरानी दिल्ली में 50, हजरत निजामुद्दीन में 51, दिल्ली कैंट में 64 और सराय रोहिल्ला में कुल 75 लोगों की मौत ट्रेन से कटकर इस साल हुई है.
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