डीएनए हिंदी: दिल्ली या देश के किसी भी राज्य में कार चलाने के लिए लाइट मोटर व्हीकल (LMV) ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट देना पड़ता है. दिल्ली में यह टेस्ट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के ट्रैक पर ड्राइव करके दिया जाता है. यह टेस्ट काफी मुश्किल होता है. ऐसे में करीब 40 प्रतिशत लोग इस टेस्ट को पास ही नहीं कर पाते हैं. अब इस टेस्ट को पास करने के लिए लोगों ने नया जुगाड़ निकाल लिया है. लोग कार की बजाए ऑटो रिक्शा चला कर ड्राइविंग टेस्ट देने पहुंच रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक अब लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोग कारों के बजाय ऑटो रिक्शा चला रहे हैं और ऑटोमेटेड ट्रैक पर आसानी से टेस्ट देकर लाइसेंस ले रहे हैं. इसकी वजह यह है कि ऑटो रिक्शा और कार दोनों ही एलएमवी कैटेगरी में आते हैं. कार की तुलना में ऑटोरिक्शा चलाना आसान रहता है और अब इसका फायदा ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने वाले लोग उठा रहे हैं. 

यह भी पढ़ें- मणिपुर हिंसा: CBI और न्यायिक आयोग करेगा जांच, अमित शाह ने किया मुआवजे का ऐलान  

ऑटोरिक्शा से ड्राइविंग टेस्ट पास कर रहे लोग

ऑटो रिक्शा चलाने पर जो लाइसेंस मिलता है, वह कार के लिए भी मान्य होता है और इसका लोग फायदा उठा रहे हैं. लोगों का यह देसी जुगाड़ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट भी समझ गया है. इस मामले में परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लोगों के इस जुगाड़ से दिल्ली का ट्रैफिक खतरे में पड़ सकता है. अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कुछ दिन पहले ही ऑटो रिक्शा के जरिए कार का ड्राइविंग टेस्ट पास करने की जानकारी मिली थी. 

परिवहन विभाग ने जारी किया मेमो

लोगों की चालाकी को देखते हुए दिल्ली परिवहन विभाग ने मेमो जारी किया है. इसमें कहा गया है कि ऑटोरिक्शा ड्राइविंग टेस्ट को कार या चार पहिया वाहनों के बराबर नहीं माना जाना जा सकता है. चार पहिया वाहनों के बजाय ऑटोरिक्शा के साथ ड्राइविंग टेस्ट से रोड सेफ्टी खतरे में पड़ सकती है. माना जा रहा है कि जल्द ही विभाग ऐसे आवेदकों के खिलाफ एक्शन ले सकता है. 

यह भी पढ़ें- बृजभूषण सिंह के खिलाफ कब होगी कार्रवाई? अनुराग ठाकुर ने बता दिया पूरा प्लान

कार से बहुत का अलग है ऑटो रिक्शा की ड्राइविंग

गौरतलब है कि ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक को कारों-वैन की ड्राइविंग के लिए डिजाइन किया गया है जो कि ऑटोरिक्शा से पूरी तरह अलग है. इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि मोटर कारों का टर्निंग रेडियस लगभग 5 मीटर होता है, जबकि ऑटो का टर्निंग रेडियस तीन मीटर से भी कम होता है. इसी तरह ऑटो का क्लच, ब्रेक और एक्सीलेरेशन दोपहिया वाहनों की तरह होता है. इतना ही नहीं कार का व्हील बेस भी ऑटो की तुलना में लगभग 1.5 से 2 गुना ज्यादा होता है. ऐसे में कार चलाने में ऑटो की तुलना में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
delhi driving license test applicants driving auto rikshaw instead of car to pass the test
Short Title
ड्राइविंग Test में फेल होने पर लोगों का नया जुगाड़, कार के बजाए ऑटो चलाकर दे रहे
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
delhi driving license test applicants driving auto rikshaw instead of car to pass the test
Caption

Delhi Driving Test

Date updated
Date published
Home Title

ड्राइविंग Test में फेल होने पर लोगों का नया जुगाड़, कार के बजाए ऑटो चलाकर दे रहे टेस्ट