डीएनए हिंदी : कोविड (Covid) का प्रकोप देश की राजधानी में फिर से छाया हुआ है. 20 जनवरी तक दिल्ली में कुल कोरोना ग्रसित लोगों की संख्या 20,000 के दैनिक औसत के आस-पास बनी हुई थी. इसे देखते हुए दिल्ली के नागरिकों से कोविड प्रोटोकॉल में ढील के बाबत सवाल किया गया तो 63% लोग पाबंदियों के पक्ष में नज़र आए. ध्यातव्य है कि दिल्ली में वर्तमान
पॉज़िटिविटी रेट 21% है. दिल्ली की सरकार ने संक्रमण के रोकथाम की ख़ातिर काफ़ी पाबंदियां लगा रखी हैं.
20 जनवरी को दिल्ली में कुचल 57920 टेस्ट लिए गए थे जिसमें 12,306 लोग पॉज़िटिव आए. दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक़ अब तक सबसे अधिक पॉज़िटिविटी रेट (TPR ) 14 जनवरी को पाया गया था जिस दिन यह बढ़कर 30.64% हो गया था.
नहीं हटेगा Odd/Even पैटर्न और ना ही वीकेंड कर्फ्यू में ढील
इन्फेक्शन की रफ़्तार को देखते हुए दिल्ली सरकार ने फिलहाल यलो अलर्ट (Yellow Alert) ज़ारी कर रखा है. इसकी वजह से केसेज़ और लोगों के ह्स्पताल में दाखिल होने में कमी देखी गयी है. दुकानें Odd /Even आधार पर खुलती हैं और वीकेंड कर्फ्यू लगा हुआ है. ताज़ा प्राप्त जानकारियों के अनुसार दुकानों और अन्य व्यापारों को नुक़सान से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने वीकेंड कर्फ्यू में ढील देने और Odd/Even पैटर्न हटाने की पेशकश दिल्ली के उप-राज्यपाल के समक्ष रखी थी.
मुख्यमंत्री ने यह प्रस्ताव ट्रेडर्स यूनियन के अनुरोध पर रखा था. यह प्रस्ताव तो पारित नहीं हुआ पर निजी ऑफिसों को कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का पालन करते हुए पचास प्रतिशत उपस्थिति के साथ ऑफिस चलाने की मंज़ूरी मिल गयी है. वीकेंड कर्फ्यू अभी वैसा ही रहेगा.
लोकल सर्कल का सर्वे क्या कहता है
भारत की अग्रणी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सोशल सर्कल के द्वारा लिए गए सर्वे में 63% प्रतिशत ने यह कहा कि पाबंदियों में ढील तब ही ठीक रहेगी जब पॉज़िटिविटी रेट 5% तक गिर जाएगा. इस सर्वे में 7,598 लोगों ने हिस्सा लिया था जिसमें दो तिहाई संख्या पुरुषों की थी और एक तिहाई स्त्री.
इस सवाल के जवाब में कि दिल्ली में कोविड (Covid) से जुड़ी हुई पाबंदियों को हटाने की क्या Criteria होनी चाहिए? 11% लोगों ने TPR के 20 प्रतिशत तक पहुँचने, 26% ने 10% तक पहुँचने की बात की. सार यह कि दिल्ली की अधिकांश जनता केस काम होने तक प्रोटोकॉल में छूट के पक्ष में नहीं है.
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