डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश के जालौन में 23 साल पहले सेना के एक जवान और उनके बेटे के ऊपर घर में घुसकर जानलेवा हमला किया गया था. हमले में पिता की मौत हो गई थी जबकि बेटे को गंभीर चोटें आई थीं. 30 मार्च यानी कि 23 साल बाद इस मामले में जालौन की अपर जिला सत्र प्रथम के न्यायाधीश ने चार आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 22 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है.
जानकारी के अनुसार, 25 मई 1999 के दिन रेंढ़र थाना क्षेत्र के दावर गांव के रहने वाले गोपीनाथ गोस्वामी अपने घर पर आराम कर रहे थे. उसी दौरान गांव के रहने वाले 4 युवकों ने फौजी के घर में घुसकर उनपर कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया. वहीं अपने पिता की आवाज सुन गोपीनाथ के बेटे नीरज उन्हें बचाने के लिए दौडे लेकिन आरोपियों ने नीरज के साथ भी मारपीट शुरू कर दी. चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हुए और मामले की सूचना पुलिस को दी गई. हालांकि तब तक आरोपी मौके से फरार हो चुके थे.
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इधर घायल पिता-पुत्र को इलाज के लिए अस्पताल लाया जा रहा था लेकिन गोपीनाथ कि रास्ते में ही मौत हो गई थी. मामले में नीरज द्वारा जानलेवा हमला करने वाले मुल्लूज, बाबूरामज, देवप्रसाद और मंगली के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, घर में घुसकर मारपीट सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था. मामले में चार्जशीट दाखिल की गई और लगातार पैरवी की गई. अब जाकर आरोपियों को सजा सुनाई गई है. 23 साल बाद आए फैसले पर परिजन खुश हैं. उनका कहना है देर से ही सही लेकिन उन्हें इंसाफ मिला है और वह इस फैसले से संतुष्ट हैं.
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UP: घर में घुसकर निर्ममता से हुई थी सेना के जवान की हत्या, 23 साल बाद मिला इंसाफ