डीएनए हिंदीः देश भर में लगभग 2 साल बाद जब स्कूल खुले तो बच्चों के चेहरे पर रौनक थी. एक बार फिर बढ़ते कोरोना के मामलों ने इन बच्चों के पैरेंट्स के माथे पर शिकन ला दी है. परेशान पैरेंट्स इन दिनों बच्चों को स्कूल भेजने और ना भेजने को लेकर दुविधा में हैं. एक लंबे अर्से के बाद स्कूलों में बच्चों की चहलकदमी फिर से शुरू हुई है. ऑनलाइन सिमट चुकी पढ़ाई धीरे-धीरे पुराने दिनों की तरफ लौट ही रही थी कि कोरोना मामलों में तेजी से इजाफा होने लगा. महज 24 घंटे के भीतर राजधानी दिल्ली में कोविड के 1000 से ज्यादा मामले सामने आए. जिसने अब एक बार फिर मां बाप को बच्चों की सुरक्षा पर सोचने को मजबूर कर दिया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि महज 48 घंटे में दिल्ली में कुल 1630 मामले दर्ज किए गए हैं.
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दरअसल पैरेंट्स, महामारी के पुराने दिन लौटने के डर के साए में जी रहे हैं. उनके मुताबिक बड़ी मुश्किल से जिंदगी पटरी पर लौटी है, मगर कोविड मामलों का बढ़ना कोई सही संकेत नहीं है. जहां एक तरफ पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे, वहीं स्कूल ना भेजने पर बच्चों की पढ़ाई खराब होने की भी चिंता उन्हें सता रही है. कई पैरेंट्स स्कूल मैनेजमेंट से कोरोना से सुरक्षा के सभी वो एहतियात बरतने की मांग कर रहे जिससे बच्चों को कोविड के संक्रमण से बचाया जा सके.
दरअसल दिल्ली एनसीआर के स्कूलों से लगातार बच्चों के और टीचर्स के कोरोना से संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे थे, जिसके लिए दिल्ली शिक्षा मंत्री के आदेश के मुताबिक जिन पार्टिकुलर क्लास में या बच्चे में संक्रमण पाया गया. उस विंग को ही बंद कर दिया जाएगा.
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- 16 अप्रैल को कुल मामले 461 और पॉजिटिविटी रेट 5.33 फीसदी
- 17 अप्रैल को कुल मामले 517 और पॉजिटिविटी रेट 4.21 फीसदी
- 18 अप्रैल को कुल मामले 501 और पॉजिटिविटी रेट 7.72 फीसदी
- 19 अप्रैल को कुल मामले 632 और पॉजिटिविटी रेट 4.42 फीसदी
- 20 अप्रैल को कुल मामले 1009और पॉजिटिविटी रेट 5.70 फीसदी
दरअसल कोविड के मामलों के कम होते ही लोग बेपरवाह हो गए। मास्क की अनिवार्यता हटते ही ना तो चेहरे पर मास्क, ना दो गज की जरूरी दूरी और हाथ को सेनिटाइज करने तरीके को तो लगभग भूल ही गए। जिसका खामियाजा एक बार फिर आम लोगों के सामने है। कोरोना एक बार फिर धीरे धीरे पैर पसार रहा है। कोविड के बढ़ते मामलों की आहट को भांपते हुए आज डीडीएमए की एक अहम मीटिंग की गई। जिसमें दिल्ली में एक बार फिर मास्क की अनिवार्यता तय कर दी गई... और ऐसा ना करने पर 500 जुर्माने का नियम लौट आया है। खासतौर पर स्कूली बच्चों के लिए क्या लिया डीडीएमए ने फैसला जानें.
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- फिलहाल दिल्ली में ऑफलाइन स्कूल रहेंगे जारी
- स्कूल के लिए जल्द ही लाए जाएंगे स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर
- जिनका पालन करना स्कूलों के लिए अनिवार्य होगा
- एक्सपर्ट के जरिए एसओपी बनाई जाएगी
जाहिर हैं, बढ़ रहे कोरोना के मामले हम सबके लिए खतरे की घंटी है. लगातार बरते जा रहे लापरवाह रवैये से हमें बाहर आना होगा. हालांकि दिल्ली सरकार बार बार 'घबराने की बात नहीं' कहकर लोगों को कोविड से सुरक्षा के प्रति आश्वस्त जरूर कर रही है.
(इनपुट-दीक्षा पांडेय)
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Covid: पुराने दिन लौटने के डर, बच्चों को स्कूल भेजने पर दुविधा में पैरेंट्स