डीएनए हिंदी: इंदौर जिला कोर्ट ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को एक साल की सजा सुनाई है. इंदौर जिला न्यायालय ने शनिवार को एक पुराने मामले में यह फैसला सुनाया. जिला अदालत ने अपने फैसले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू समेत छह लोगों को एक साल की जेल की सजा सुनाई है साथ ही पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है.
कोर्ट ने क्यों सुनाई सीएम दिग्विजय सिंह को सजा?
यह मामला 17 जुलाई 2011 का है जब दिग्विजय सिंह उज्जैन के एक होटल के उद्घाटन समारोह में गए थे. इधर भाजयुमो कार्यकर्ता दिग्विजय सिंह के काफिले को काले झंडे दिखा रहे थे. इसी दौरान दिग्विजय सिंह के समर्थकों और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हो गई.
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इस घटना के बाद पुलिस ने कांग्रेस के 4 नेता जयसिंह दरबार (वर्तमान में भाजपा नेता), अनंत नारायण मीणा, मुकेश भाटी और असलम लाला के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बाद में दिग्विजय सिंह और सांसद प्रेमचंद गुड्डू के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था. थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सरकार की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले में दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद्र गुड्डू, हेमंत चौहान और दिलीप चौधरी को आरोपी बनाने की मांग की गई थी. भाजयुमो कार्यकर्ता जयंत राव की शिकायत पर उज्जैन के जीवाजी गंज थाने में मामला दर्ज किया गया. दिग्विजय सिंह पर भाजयुमो कार्यकर्ता को थप्पड़ मारने का आरोप लगा था.
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कोर्ट के फैसले के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा, यह 10 साल पुराना मामला है जिसमें मेरा नाम प्राथमिकी में भी नहीं था लेकिन बाद में राजनीतिक दबाव में जोड़ा गया. मैं उच्च न्यायालय में अपील करूंगा.
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तीन आरोपियों को किया बरी
अदालत ने अपने फैसले में अन्य तीन आरोपियों महेश परमार, हेमंत सिंह चौहान और मुकेश भाटी को बरी कर दिया. जबकि दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गुड्डू, जय सिंह दरबार, अनंत नारायण मीणा, असलम लाला और दिलीप चौधरी को एक साल की कैद और 5000 का जुर्माना लगाया गया है.
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पूर्व सीएम Digvijay Singh को कोर्ट ने क्यों सुनाई एक साल की सजा?