डीएनए हिंदी: भारत में कोविड (Covid-19) के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) केस 3000 के पार पहुंच चुका है. सबसे ज्यादा केस दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में मिल रहे हैं. 50 फीसदी केस अकेले दिल्ली एनसीआर से आ रहे हैं.
दिल्ली-NCR का डेली पॉजिटिविटी रेट (TPR) बीते दो हफ़्तों से 4 से 5 प्रतिशत के इर्द गिर्द घूम रही है, जिसकी R वैल्यू 2.1 के करीब है. भारत की R वैल्यू 1 के ऊपर जा चुकी है. हर कोविड संक्रमित शख्स एक दूसरे शख्स को संक्रमित कर रहा है. लोकल सर्किल्स (Local Circles) के एक सर्वे के मुताबिक 3 में से एक शख्स का मानना है कि देश में कोविड की चौथी लहर दस्तक दे चुकी है.
हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की थी और सभी राज्यों को कोविड नियमों को फॉलो करने की सलाह दी जिससे इसकी रोकथाम की जा सके. कई राज्यों ने मास्क पहनने को एक बार फिर अनिवार्य कर दिया है. पहले पाबंदियों ने ढील दी गई थी. मास्क न पहनने पर फाइन एक बार फिर से लगा दिया गया है.
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Covid-19 संक्रमण का शिकार हो रहे हैं बच्चे!
कोविड की नई लहर में छोटे बच्चे ज्यादा संक्रिमत हो रहे हैं. बच्चों में कोविड संक्रमण तेजी से फैल रहा है. बच्चों में सर्दी और जुकाम के लक्षण देखे जा रहे हैं. टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. गाजियाबाद में कोविड केस बढ़े तो कुछ स्कूलों को बंद कर दिया गया. अभिभावक भी परेशान हो चुके हैं कि उनके बच्चों को स्कूल भेजें या न भेजें.
अभिभावकों का मानना है कि स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की जाए. दिल्ली-NCR में तो 3 में से 1 बच्चा Covid पॉजिटिव पाया गया है. दिल्ली और NCR के स्कूलों में तो हर दिन बच्चों में Covid-19 के मामले दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में कई स्कूल उन बच्चों से न आने की सलाह दे रहे हैं या फिर उस निर्धारित क्लास को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया जा रहा है जिसमें वह बच्चा पढ़ रहा है.
क्या चाहते हैं 63 फीसदी अभिभावक?
लोकल सर्किल्स के एक सर्वे के मुताबिक 63 फीसदी अभिभावकों का मानना है की अगर जिले में TPR 5 प्रतिशत से ज़्यादा हो तो स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर देनी चाहिए जिससे बच्चों की पढ़ाई में कोई असर न पड़े. इस सर्वे में जब अभिभावकों से पूछा गया कि कोविड के मामले दोबारा से बढ़ रहे हैं तो इसमें स्कूल का मापदंड ऑनलाइन क्लास के लिए क्या होना चाहिए जिससे बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े?
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अलग-अलग अभिभावकों में से 27 फीसदी लोगों का मानना है की अगर 2 फीसदी बढ़ता है तो ऑनलाइन क्लास शुरू कर देनी चाहिए. 36 फीसदी लोग मानते हैं कि अगर 5 फीसदी केस बढ़ें पढ़ाई ऑनलाइन शुरू कर देनी चाहिए. 12 फीसदी लोगों का मानना है की जब 10 फीसदी से ज्यादा केस हों तो ऑनलाइन क्लास शुरू कर देनी चाहिए.
ऑनलाइन पढ़ाई से कितने छात्रों को है परहेज?
15 फीसदी लोगों का मानना है की ऑनलाइन क्लास नहीं होनी चाहिए. Covid पीड़ित बच्चों को क्लास मिस कर देनी चाहिए. 10 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब देना मुनासिब नहीं समझा. यानी की अगर हिसाब किया जाए तो 63 फीसदी अभिभावक मानते हैं कि बच्चों की ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी जाए जैसे ही TPR 5 फीसदी को पार कर ले. 34 फीसदी अभिभावक यह मानते हैं की बच्चों की फिजिकल क्लास ही होनी चाहिए. 34 फीसदी अभिभावकों का मानना है कि अगर कोविड केस बढ़ें तो स्कूलों में पब्लिक गेदरिंग कंट्रोल की जाए.
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