Shocking News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मरी हुई छिपकली वाला मिडडे मील खाने से कम से कम 65 छात्रों की तबीयत बिगड़ गई है. यह घटना जिले के बेहद दुर्गम ब्लॉक कुसमी के एरिया में एक प्राइमरी स्कूल में हुई है. अधिकारियों के मुताबिक, मरी हुई छिपकली के कारण मिडडे मील जहरीला हो गया था, जिसे खाने से छात्रों की तबीयत बिगड़ गई है. बीमार छात्रों को तत्काल कुसमी प्राइमरी हेल्थ सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज करने के बाद सभी छात्रों की हालत स्थिर है और उन्हें हेल्थ सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
छात्रा ने प्लेट में छिपकली देखकर किया था अलर्ट
जानकारी के मुताबिक, यह घटना गुरुवार को कुसमी ब्लॉक के गजाधरपुर तुर्रीपानी प्राइमरी स्कूल में हुई थी. स्कूल में दोपहर के समय मिडडे मील बनाकर बांटा गया था. एक छात्रा की प्लेट में खाने के साथ मरी हुई छिपकली आई. उसने तत्काल इसकी जानकारी केयरटेकर को दी और सभी 65 छात्रों को जहरीला खाना खाने से रोका. लेकिन तब तक ज्यादातर छात्र पूरा खाना खा चुके थे और उनकी हालत बिगड़नी शुरू हो गई थी. छात्रों ने उल्टी करना शुरू कर दिया था और उन्हें चक्कर व पेट में दर्द की शिकायत शुरू हो गई थी.
एक रात रखा गया अस्पताल में
केयरटेकर ने छात्रों की तबीयत बिगड़ने की जानकारी स्कूल स्टाफ को दी. स्टाफ ने तत्काल ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) को इस बारे में बताया. इसके बाद स्कूल स्टाफ बच्चों के पेरेंट्स की मदद से उन्हें नजदीक ही मौजूद कुसमी प्राइमरी हेल्थ सेंटर ले गया. हेल्थ सेंटर पर उन्हें भर्ती करने के बाद इलाज शुरू किया गया. एक रात निगरानी में रखने के बाद शुक्रवार को सभी बच्चों की हालत ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है.
BEO ने शुरू की घटना की जांच
BEO रामपथ यादव ने IANS से इस घटना की पुष्टि की है और कहा,'एक छात्रा ने अपनी प्लेट में छिपकली देखकर बताया था. हमने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाया जाएगा कि छिपकली बच्चों के खाने में कैसे पहुंची. मिडडे मील तैयार करने की जिम्मेदारी 3 असिस्टेंट निभाते हैं. पहली नजर में खाना पकाते समय छिपकली के दुर्घटनावश उसमें गिरने की बात सामने आ रही है.' बलरामपुर के CMO डॉ. बसंत सिंह ने बताया कि जिस हेल्थ सेंटर पर बच्चों का इलाज किया गया है, वहां के डॉक्टर ने बताया है कि कुछ बच्चों को पेट में दर्द की शिकायत थी तो करीब 10 छात्र घबराहट और उल्टी आ रही थी. दो छात्रों को इंट्रावेन्स फ्लूड लगाना पड़ा है. सभी बच्चों को शुक्रवार सुबह तक नजदीक के ही आदिवासी हॉस्टल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया. अब उन्हें डिस्चार्ज्ड कर दिया गया है. हालांकि IANS की रिपोर्ट में एक अंदरूनी सूत्र के हवाले से दावा किया गया है कि एक बच्चे की हालत ज्यादा गंभीर थी, लेकिन इलाज के बाद उसकी हालत में भी सुधार आया है.
पुलिस ने भी शुरू की है घटना की जांच
कुसमी पुलिस स्टेशन के प्रभारी ललित यादव ने बताया कि उनकी टीम ने भी इस घटना की जांच शुरू की है. यह जांच एक टीचर की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर शुरू की गई है. जांच में यह बात देखी जाएगी कि यह मामला दुर्घटनावश हुआ है या किसी ने जानबूझकर खाने में छिपकली डाली है. स्कूल में 150 छात्रों का रजिस्ट्रेशन है, जिनमें से 101 छात्र घटना के दिन स्कूल में उपस्थित थे. बताया जा रहा है कि मरी हुई छिपकली की जानकारी मिलने तक 65 छात्रों ने ही खाना खाया था. इस बात की भी जांच की जा रही है.
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मिडडे मील में गिरी छिपकली, जहरीला खाना खाकर 65 से ज्यादा छात्र बीमार, दुर्घटना या साजिश की चल रही जांच