डीएनए हिंदी: अक्षय कुमार की फिल्म ओह माई गॉड में हमने देखा था भगवान को कोर्ट में लाने की बात कही जाती है लेकिन अब यह फिल्म की स्टोरी हकीकत बनकर सामने आई है. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ तहसील न्यायालय से एक अनोखा मामला सामने आया है जहां पर भगवान भोलेनाथ को कुछ दिन पहले नजूल भूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था और इससे  भी अजीब बात यह है कि कोर्ट में भगवान में भगवान पेश भी हो गए. 

शिव मंदिर को भेजा है नोटिस

दरअसल पूरा मामला यह है कि रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 कऊहाकुंडा का है. यहां एक महिला द्वारा नजूल भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने रायगढ़ तहसील न्यायालय को संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए. तहसील न्यायालय ने संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया अब खास बात यह है कि इसमें एक नोटिस शिव मंदिर कऊहाकुंडा को भी भेजा गया था. 

शिवमंदिर को ही ले गए न्यायालय

शिव मंदिर को नोटिस मिलने के बाद कऊहाकुंडा वार्ड के स्थानीय लोगों ने अजीबोगरीब कारनामा किया और शिवलिंग को ही उखाड़ दिया जिसके बाद शिवलिंग को वे रिक्शा में लेकर तहसील न्यायालय हो गए. वहीं जब शिवलिंग को लेकर ये लोग न्यायालय पहुंचे तो तहसीलदार उद्योग की जनसुनवाई पर व्यस्त होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं कर सके.

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वहीं इस मामले में नायब तहसीलदार का कहना है कि मंदिर को नोटिस लिपिक त्रुटि की वजह से हुआ था और अन्य लोगों को दिया गया नोटिस की सुनवाई अप्रैल महीने की 13 तारीख को होगी. अब  न्यायलय की एक त्रुटि का नतीजा यह हुआ है कि लोगों ने भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग को ही कोर्ट में ले जाने की तरकीब निकाल ली. 

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Chhattisgarh: Lord Shiva reached the court for hearing, the judge was absent
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कोर्ट ने कहा लिपिक से हुई गलती
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Chhattisgarh: Lord Shiva reached the court for hearing, the judge was absent
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