डीएनए हिंदी: छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने और नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) की प्रशंसा करने के आरोप में हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है.
दरअसल रविवार को हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने रायपुर में एक संगठन द्वारा आयोजित धर्म संसद में अपने संबोधन में महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जिसके चलते रायपुर के पूर्व मेयर और कांग्रेस (Congress) नेता प्रमोद दुबे की शिकायत पर पुलिस ने टिकरापारा थाने में आईपीसी की धारा 505(2), 294 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.
रावण भाटा मैदान में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन दिवस पर कालीचरण ने कहा, 'हमारा मुख्य कर्तव्य क्या है- धर्म की रक्षा करना. हमें सरकार में एक कट्टर हिंदू राजा (नेता) का चुनाव करना चाहिए. भले ही वह (पुरुष या महिला) किसी पार्टी से संबंधित हो. हमारे घरों की महिलाएं बहुत अच्छी और सभ्य हैं और वे मतदान करने (चुनाव में) नहीं जाती हैं. जब सामूहिक बलात्कार होंगे तो आपके घर (परिवार) की महिलाओं का क्या होगा? महामूर्खों, मैं उन लोगों का आह्वान कर रहा हूं जो वोट देने नहीं जाते हैं.'
कालीचरण ने कहा, 'इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है. (विभाजन का जिक्र करते हुए) हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया. उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा किया. उन्होंने राजनीति के माध्यम से बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया. मैं नाथूराम गोडसे को सलाम करता हूं कि उन्होंने गांधी की हत्या की.'
उन्होंने आगे कहा, 'पुलिस हमें कहती है कि मुस्लिम बहुल इलाकों से भगवा जुलूस न निकालें. यह पुलिस की गलती नहीं है. पुलिस प्रशासन की गुलाम है जो सरकार की गुलाम है. सरकार नेता की गुलाम है. इसलिए पुलिस तब तक समर्थन नहीं करेगी जब तक एक कट्टर हिंदू राजा (नेता) नहीं होगा.'
वहीं कालीचरण की इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने #GandhiForEver ट्वीट कर लिखा, 'आप मुझे बेड़ियों से जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, आप इस शरीर को खत्म भी कर सकते हैं लेकिन आप मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते.'
जानकारी के अनुसार, 17 से 20 दिसंबर तक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हरिद्वार में इसी तरह की घटना होने की सूचना मिली थी. सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिपिंग प्रसारित की गई थी जिसमें कहा गया था कि हिंदुओं को म्यांमार की तरह हथियार उठाना चाहिए, हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और सफाई अभियान चलाना चाहिए.
तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन एक विवादास्पद धार्मिक नेता यती नरसिम्हनंद द्वारा किया गया था जिनपर अतीत में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है.
उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
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