डीएनए हिंदी: देश में बढ़ती महंगाई के बीच आम आदमी को थोड़ी राहत मिल सकती है. केंद्र सरकार ने 30 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचने का फैसला किया है. आटा मिलों के एसोसिएशन ने गुरुवार को सरकार के इस फैसला की प्रशंसा की है और कहा कि इससे गेहूं और आटे (Atta Prices) की कीमतों में 5 से 6 रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट आएगी.
बता दें कि गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को अपने सरकारी भंडार से 30 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचने की घोषणा की थी. भंडारण को सरकारी भारतीय खाद्य निगम (FSI) द्वारा अगले दो महीनों में विभिन्न माध्यमों से बेचा जाएगा. जहां गेहूं आटा मिल मालिकों जैसे थोक व्यापारियों को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा.
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23.50 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा आटा
वहीं, गेहूं पीसकर आटा बनाने और उसे जनता तक 29.50 रुपये के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में पहुंचाने के लिए एफसीआई गेहूं को सार्वजनिक क्षेत्र की यूनिट, कॉपरेटिव, फेडरेशन, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नेफेड को 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचेगा.
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफएमएफआई) के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा, 'हम सरकार के कदम का स्वागत करते हैं. यह फैसला एक महीने पहले ही ले लेना चाहिए था. यह सही कदम है. थोक और खुदरा कीमतें जल्द ही पांच-छह रुपये प्रति किलोग्राम तक कम हो जाएंगीं.'
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पिछले साल कितनी थी आटे की कीमत
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत बुधवार को 33.43 रुपये प्रति किलोग्राम रही, जबकि पिछले साल इस समय 28.24 रुपये प्रति किलोग्राम थी. गेहूं के आटा की औसत कीमतें 37.95 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गईं, जो पिछले साल इसी समय 31.41 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
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सरकार के इस फैसले से जनता को मिलेगी बड़ी राहत, 5-6 रुपये प्रति किलो सस्ता हो होगा आटा